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सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं Sanjeev Khanna, सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र को भेजी सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस Sanjeev Khanna का नाम केंद्र सरकार को सिफारिश करते हुए भेजा है। सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उन्होंने सरकार को अपने उत्तराधिकारी के नाम का सुझाव देते हुए एक पत्र भेजा है। इस सिफारिश के अनुसार, जस्टिस Sanjeev Khanna 11 नवंबर 2024 को नए मुख्य न्यायाधीश का पद संभाल सकते हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 6 महीने का रहेगा और वह 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।

जस्टिस Sanjeev Khanna कौन हैं?

जस्टिस Sanjeev Khanna का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने 1977 में नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और इसके बाद दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। उन्होंने कानून की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैम्पस लॉ सेंटर से की। जस्टिस Sanjeev Khanna का न्यायिक पृष्ठभूमि से जुड़ा एक मजबूत इतिहास रहा है। उनके पिता, जस्टिस देव राज खन्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी माता सरोज खन्ना लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर थीं। न्यायिक पेशे में कदम रखने से पहले, Sanjeev Khanna ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में अपनी वकालत की शुरुआत की।

न्यायिक करियर में उत्कृष्ट योगदान

जस्टिस Sanjeev Khanna का न्यायिक करियर बहुत ही प्रभावशाली रहा है। उन्होंने वर्ष 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया। 24 जून 2005 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और एक साल बाद 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्होंने करीब 14 साल तक सेवा दी और अपनी न्यायिक कुशलता और निष्पक्षता के कारण उन्हें 18 जनवरी 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं Sanjeev Khanna, सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र को भेजी सिफारिश

जस्टिस खन्ना के परिवार में न्यायिक सेवाओं की एक समृद्ध परंपरा रही है। उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना के अलावा उनके चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना भी भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं। यह उल्लेखनीय है कि जस्टिस हंसराज खन्ना को भारत के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार के समय की गई इमरजेंसी के दौरान नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपने न्यायिक कर्तव्यों का पालन किया था।

सुप्रीम कोर्ट में योगदान

जस्टिस Sanjeev Khanna ने सुप्रीम कोर्ट में चार और आधे साल के कार्यकाल के दौरान 358 बेंचों में भाग लिया और 90 से अधिक मामलों में फैसला सुनाया है। उनके फैसले न्यायिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में विविधता और गहराई के साथ कई जटिल और संवेदनशील मामलों का निपटारा किया है।

पिछले वर्ष, उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण के मामले की सुनवाई करने वाली तीन-सदस्यीय पीठ का हिस्सा बने। इसके अलावा, वर्ष 2023 में उन्होंने शिल्पा शैलेश मामले में संविधान पीठ के फैसले में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर न्यायिक दृष्टिकोण पेश किया। उनका कानूनी दृष्टिकोण और न्यायिक समझ उनके अनुभव और उनकी कानूनी पृष्ठभूमि का परिणाम है, जिसने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में एक प्रभावशाली न्यायाधीश के रूप में स्थापित किया है।

संभावित मुख्य न्यायाधीश के रूप में भविष्य

यदि केंद्र सरकार सीजेआई चंद्रचूड़ की सिफारिश को मंजूरी देती है, तो जस्टिस Sanjeev Khanna 11 नवंबर 2024 को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। हालाँकि उनका कार्यकाल 6 महीने का ही होगा, लेकिन इस अवधि के दौरान उनसे महत्वपूर्ण न्यायिक मामलों के निपटारे की अपेक्षा की जा रही है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके सामने न्यायालय के कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे आएंगे, जिनका निपटारा उन्हें निष्पक्षता और विधिक संतुलन के साथ करना होगा।

न्यायिक दृष्टिकोण और योगदान

जस्टिस Sanjeev Khanna का न्यायिक दृष्टिकोण बेहद संवेदनशील और निष्पक्ष माना जाता है। उन्होंने कई मामलों में समाज के कमजोर वर्गों के लिए न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके फैसले सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण रहे हैं। पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा, संवैधानिक मामलों पर उनकी राय, और कई अन्य संवेदनशील मामलों में उनके फैसले यह साबित करते हैं कि वह एक प्रगतिशील और विचारशील न्यायाधीश हैं।

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