Mp news : रेत के रेट ने बढ़ाई आम जन की समस्याएं, ट्रांसपोर्टरों का भी बुरा हाल, कैसे बनेंगे पक्के मकान
सीधी शहडोल रेत खदानों के लिए माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा एमडीओ बनाई गई जिसमें मुंबई की सहकार ग्लोबल लिमिटेड द्वारा रेत के खनन में मनमानी की घटना सामने आई है , क्षेत्र की रेत खदानें ठेके पर बाहर से आए असामाजिक तत्वों को देने आदि के विरोध में ग्रामीणों ने पहले ही विरोध दर्ज कराया था। ग्रामीणों ने सोन नदी के अंदर उतारी गई मशीनों से काम नही करने का भी विरोध किया था। लेकिन बड़ी बड़ी मशीन लगाकर कम्पनी मालिक नियमों को धज्जियां उड़ा रहा है वही प्रशासन ने भी चुप्पी साधी हुई है अब कैसे बनेगा गरीबों का आशियाना पी एम मोदी की प्रधान मंत्री आवास योजना अब अंधकार की भेंट चढ़ रहा है । खनन माफिया अपनी झोली भरने के लिए आम लोगों की छत छीन रहा है।
सीधी में सहकार की मनमानी किसी को ज्यादा रेट में रेत तो किसी को कम रेट में रेत : सीधी ज़िले में कम्पनी की मनमानी अपने चरम पर पहुँच गई है अब ट्रांसपोर्टरों ने भी इसका विरोध करना चालू कर दिया है। वहीं लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है की पहले कम रेट में लोडिंग सहकार कम्पनी द्वारा किया जाता था लेकिन अब कंपनी अपनी मनमानी पर उतारू हो गई है तथा कभी 5 रुपए बालू का रेट बढ़ता है तो कभी 2 रुपए बढ़ता है , जिसके कारण लोग अपना घर नही बनवा पा रहे है साथ ही कहा की अपने चहेतों को यह कम्पनी 25 रुपए फ़िट ही लोड कर अपनी काली कमाई में चार चाँद लगा रही है यह कम्पनी नियमों को ताक में रख कर मशीनरी से अबैध उत्खनन कर रही है इसके अलावा कम्पनी के कर्मचारी कहते हैं कि मुझे किसी के घर बनने से कोई मतलब नही है मोदी जी घर बनवाए मै ठेका लिया हूँ तो रेट भी मेरा ही होगा मेरे काम में सरकार का कोई हस्तक्षेप नही कर सकता सभी को मोटी रक़म दी जा रही है।
सहकार कम्पनी जीएसटी की कर रहा चोरी : ट्रांसपोर्ट ने आरोप लगाते हुए कहा की सहकार ग्लोबल कम्पनी अपनी मनमानी में इतनी उतारू है कि जीएसटी बिल मागने पर ड्राईवर के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते है बिल नही मिलने से ट्रांसपोर्ट व ठेकेदार जीएसटी रिटर्न भरने में लाखों की हानी उठा रहे है , साथ ही कहा की रीवा से जाने वाले वाहनो से अबैध पैसे को भी माँग लोडिंग के दौरान की जाती है।
लोगों की समस्या ऐसी है कि वो घर बनवाने के लिए अगर पचीस हज़ार जोड़ते है तो सहकार कम्पनी रेत का रेट बड़ा देती है फिर घर बनवाने वाले को महीनो पैसे जोड़ने पड़ते है जबकि किसी का घर गिरने वाला है तो किसी ने पक्का मकान का सपना लिए अपना घर गिरा दिया है लेकिन रेत की मार ने उन्हें बेघर कर दिया मगर सहकार की मनमानी अपने चरम पर है।