प्रधानमंत्री मोदी का दो दिवसीय अमेरिका दौरा, व्यापार और रक्षा समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका का दो दिवसीय दौरा करेंगे, जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ व्यापार, रक्षा और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस दौरे की योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो दिवसीय पेरिस यात्रा के बाद वाशिंगटन डीसी पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री 12 फरवरी की शाम अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी पहुंचेंगे, और अगले दिन यानी 13 फरवरी को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे। इस मुलाकात के दौरान, ट्रम्प स्वयं पीएम मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा – कार्यक्रम की पूरी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी 12 फरवरी को पेरिस यात्रा खत्म करने के बाद वाशिंगटन डीसी पहुंचेंगे और 14 फरवरी तक अमेरिका की राजधानी में रहेंगे। इस दौरान, उनके और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विशेष रूप से, व्यापार, रक्षा संबंधों को मजबूत करने और अन्य सामरिक मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
13 फरवरी को पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच आधिकारिक वार्ता होने की संभावना है। इसके साथ ही, ट्रम्प प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक डिनर भी आयोजित कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की कोशिश की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में अमेरिकी-भारतीय समुदाय और अमेरिकी कॉर्पोरेट जगत के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात भी हो सकती है। यह दौरा दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने का एक अवसर है।
सम्भावित चर्चा के प्रमुख मुद्दे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच होने वाली बातचीत में कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की संभावना है:
- व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
इस दौरे के दौरान दोनों नेता व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए नई पहल की जा सकती है। - भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को मजबूत करना
दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए भी बातचीत हो सकती है। रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, सुरक्षा सहयोग और सामरिक साझेदारी पर गहन चर्चा हो सकती है, जिससे दोनों देशों की सुरक्षा स्थिति मजबूत हो। - इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच होने वाली चर्चा में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सामरिक सहयोग पर भी चर्चा हो सकती है। दोनों देश इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच अपने सामरिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए नए कदम उठा सकते हैं। - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग
भारत और अमेरिका के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी क्षेत्र में नए अवसरों पर भी बात की जा सकती है। इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई पहल की जा सकती है, ताकि दोनों देश इस नई तकनीकी क्रांति का लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री मोदी का ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में पहला दौरा
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में पहला द्विपक्षीय दौरा होगा। 20 जनवरी को ट्रम्प ने फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, और मोदी इस चुनाव में उनकी जीत के बाद उन्हें फोन पर बधाई देने वाले पहले विदेशी नेता थे। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा अमेरिका के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह दौरा खासतौर पर इसलिए भी अहम है, क्योंकि उन्होंने पहले कभी भी ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के दौरान कोई द्विपक्षीय यात्रा नहीं की है। मोदी का यह दौरा अमेरिका के साथ भारत के सामरिक और आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने का एक बड़ा अवसर हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी का पेरिस दौरा और AI एक्शन समिट में भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे से पहले पेरिस जाएंगे, जहां वह 10 और 11 फरवरी को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट’ में भाग लेंगे। इस समिट में दुनिया भर के नेता और तकनीकी विशेषज्ञ भाग लेंगे, जो AI के भविष्य पर चर्चा करेंगे और इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के लिए अपनी भागीदारी की पुष्टि की है और उन्होंने इस समिट को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। इस दौरे से दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के साथ-साथ वैश्विक मंच पर भी भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा वैश्विक राजनीति और आर्थिक मामलों में भारत की सक्रिय भूमिका को और मजबूती देने के संकेत देती है।