प्रमोद तिवारी का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, पूछा- कश्मीर क्यों नहीं गए?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने पीएम मोदी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मन की बात में पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात तो कर रहे हैं लेकिन खुद कश्मीर क्यों नहीं गए। तिवारी ने पूछा कि जब शहीदों की चिताओं की राख भी ठंडी नहीं हुई थी तो प्रधानमंत्री बिहार चुनाव प्रचार में कैसे व्यस्त हो सकते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को शहीदों के परिवारों की चिंता नहीं थी और वह केवल चुनावी राजनीति में लगी रही।
सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र पर भी सवाल
प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहलगाम हमले जैसी बड़ी घटना में सरकार की खुफिया एजेंसियों की नाकामी साफ नजर आई। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमा पार से आतंकी आए हथियार लाए और 26 लोगों को धर्म पूछकर मार डाला फिर भी सुरक्षा एजेंसियां नाकाम रहीं। तिवारी ने पूछा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जब सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने का दावा किया था तो फिर इतने बड़े हमले के समय क्यूआरटी टीम कहां थी। उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि अगर कुछ करना है तो सबसे पहले गृहमंत्री से इस्तीफा लिया जाना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के “अहिंसा हमारा स्वभाव है” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि भागवत जी को मीडिया में बोलने की बजाय सीधे प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी और गोडसे की विचारधारा में फर्क है और यह फर्क देश को समझाना जरूरी है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “नया भारत किसी को छेड़ता नहीं” वाले बयान पर तिवारी ने कहा कि अगर वास्तव में नया भारत इतना मजबूत है तो फिर बार बार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी और 370 हटाने के बाद आतंकवाद खत्म होने की बातें की थीं लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है।
हेमंत बिस्वा और सिंधु जल संधि पर भी साधा निशाना
प्रमोद तिवारी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा हाल ही में बीजेपी में आए हैं और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। तिवारी ने कहा कि सरमा पहले कांग्रेस में थे तब उन्होंने कभी नेहरू जी पर सवाल नहीं उठाए। सिंधु जल संधि को लेकर तिवारी ने कहा कि अगर यह संधि इतनी बड़ी समस्या थी तो अटल बिहारी वाजपेयी के तीन बार प्रधानमंत्री रहते हुए इसे क्यों नहीं तोड़ा गया। उन्होंने पूछा कि नरेंद्र मोदी ग्यारह साल से सत्ता में हैं फिर अब तक इस संधि को क्यों नहीं समाप्त किया गया।