उत्तर प्रदेश

होली और जुम्मे पर सियासी घमासान, अखिलेश यादव ने योगी को कहा ‘तीसरीमार खान’

उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। अखिलेश ने योगी को ‘तीस मार खान’ करार देते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा पर कई मोर्चों पर निशाना साधते हुए उनकी नीतियों और कार्यशैली की आलोचना की।

अखिलेश यादव का तीखा हमला: ‘CM हैं तीस मार खान’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका कहना है कि “हमारे मुख्यमंत्री तो तीस मार खान हैं।” अखिलेश ने ये बातें महाकुंभ में हुई मौतों और कथित रूप से हुए कारोबार पर कटाक्ष करते हुए कही। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ से पूछा जाना चाहिए कि “कितने लोग मरे? 30… कितना कारोबार हुआ? 30 करोड़?” उनका इशारा महाकुंभ के दौरान हुए विवादास्पद घटनाक्रमों की ओर था, जहां कई लोगों की मौत की खबरें आईं और महाकुंभ में होने वाले व्यावसायिक गतिविधियों पर भी सवाल उठाए गए थे।

सम्भल मस्जिद विवाद पर अखिलेश का बयान

सम्भल जिले में मस्जिद को ढकने को लेकर उठे विवाद पर अखिलेश यादव ने कहा कि इस विवाद के पीछे एक “त्रिमूर्ति” का हाथ है, जो राज्य की राजनीति को गड़बड़ कर रहे हैं। अखिलेश ने यह भी कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि यह कौन सी त्रिमूर्ति है, जो समाज के बीच दरार डालने का काम कर रही है। उन्होंने इस बयान से भाजपा और उनके नेताओं पर परोक्ष हमला किया।

केटकी सिंह के बयान पर अखिलेश का जवाब

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के बांसदीह विधायक केटकी सिंह के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान दिए जाते हैं ताकि सरकार की कई गलतियों को छिपाया जा सके। अखिलेश ने यह सवाल उठाया कि सरकार बताये कि जब युवाओं को रोजगार मिलेगा, खासकर प्रयागराज में। उनका आरोप है कि सरकार बेरोजगारी और अन्य समस्याओं से निपटने के बजाय सिर्फ बयानबाजी कर रही है।

होली और जुम्मे पर सियासी घमासान, अखिलेश यादव ने योगी को कहा 'तीसरीमार खान'

भा.ज.पा पर आरोप: समाज में नफरत फैलाने की कोशिश

अखिलेश यादव ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलानी शुरू कर दी है, और आगे चलकर यह नफरत दूसरे समुदायों के खिलाफ भी फैल सकती है। अखिलेश ने उदाहरण देते हुए कहा कि “जब मैंने वहां से छोड़ा था, तब मंदिर को धोया गया था, लेकिन अब लोग एक साथ होली मनाते हैं।”

अखिलेश का दावा: भाजपा समाज को कमजोर कर रही है

समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश को कमजोर किया है। अखिलेश यादव का कहना था कि आज देश में कई तरह की समस्याएं बढ़ गई हैं—जैसे अपराधों की बढ़ती संख्या, पुलिस का भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, आदि। उनका कहना था कि भाजपा ऐसे बयान देने और घृणा फैलाने वाली बातें करने में व्यस्त है, ताकि इन गंभीर समस्याओं से ध्यान हटाया जा सके।

अखिलेश यादव का बयान: ‘धर्म पर कोई एकाधिकार नहीं’

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि “धर्म पर कोई एकाधिकार नहीं हो सकता।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि धर्म सभी का है, और कोई भी व्यक्ति या समुदाय इसे अपने कब्जे में नहीं ले सकता। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक फायदे के लिए लोगों के बीच धार्मिक भेदभाव और घृणा फैलाने का काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश की बढ़ती समस्याएं और भाजपा की नीतियाँ

अखिलेश यादव ने राज्य में बढ़ते अपराधों, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और महंगाई पर भी सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है और अपराधी बेखौफ होकर राज्य में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार की नीतियों के कारण आम आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।

आगे की राह: समाजवादी पार्टी का संघर्ष जारी

अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उनका कहना था कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य समाज को बांटना और नफरत फैलाना है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर युवाओं को रोजगार दिलाने, किसानों के हक की लड़ाई लड़ने और प्रदेश में शांति और समृद्धि की स्थापना करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अखिलेश यादव के इस ताजा बयान से यह साफ है कि आगामी चुनावों में समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच एक बड़ा टकराव होने वाला है। अखिलेश यादव ने जिस तरह से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे यह स्पष्ट है कि वे यूपी की राजनीति में एक मजबूत विपक्षी के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भाजपा को निशाना बनाते हुए उन्होंने न केवल उनके कार्यों की आलोचना की, बल्कि समाज में फैल रही नफरत और राजनीतिक अस्थिरता पर भी सवाल उठाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस हमले का किस प्रकार जवाब देती है और उत्तर प्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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