Rewa news.नवीन बस स्टैंड में बसों से पुलिस की एंट्री वसूली, प्रति दिन एक वाहन का 100 रुपए फिक्स, अलग से महीने का देना होता है एक हजार रुपए
Rewa. समान थाना इलाके में संचालित नवीन बस स्टैंड इन दिनों आरटीओ से इतर होकर पुलिस की अवैध वसूली का अड्डा बना हुआ है जहां पुलिस के कर्मचारी प्रति दिन एक बस से 100 रुपए की एंट्री वसूली प्राप्त कर रहे हैं जिसमें करीब 500 बसें पुलिस वाले साहब की जद में आती हैं जहां से रोज का करीब 50 हजार रुपए अवैध कमाई के रूप में विभाग में बंटवारा किया जाता है।
दिन का 50 हजार का खेल
बताया जा रहा है कि 50 हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से महज बस स्टैंड से ही महीने का 15 लाख रुपए का खेला पुलिस के कर्मचारी करते हैं जिसमें मुख्य रूप से पाठक जी का अहम रोल होता है जिनके द्वारा प्रत्येक बस संचालकों से यह रकम वसूल की जाती है। तथा वसूली गई इस रकम को वह अपने पास ही समेटकर रखते हैं जिससे उन्हें एसी वाहन में चढ़ने की सहूलियत मिलती है। वहीं इतना ही नहीं पुलिस वाले साहब जी इस 15 लाख रुपए के अतिरिक्त प्रति बस महीने का 1000 हजार रूपये अलग से एंट्री वसूली का काम करते हैं तथा इस राशि को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है जो करीब 500 बसों का मिलाकर करीब 5 लाख तक होती है।
बस अड्डा बना वसूली केंद्र
दरअसल नवीन बस स्टैंड विगत लंबे समय से पुलिस के अवैध वसूली का अड्डा बना हुआ है जहां पर बसों के अलावा भी पुलिस के कर्मचारी दुकानदारों को डरा धमकाकर उनसे ही महीने की सेटिंग बनाए बैठे हैं तथा बस संचालकों का मैनेजमेंट उनकी बची हुई कमाई में शामिल हो जाता है। सूत्र बताते हैं कि बस स्टैंड के भीतर संचालित चाय और पान की गुमटियों में पुलिस के कर्मचारियों का ऐसा मैनेजमेंट बनता है कि यहां से अवैध मादक पदार्थों की बिक्री भी कराई जाती है तथा साहब लोग दुकानदारों को संरक्षण देकर उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं। इसके साथ ही बस मालिकों की सेटिंग से आय में अलग ही वृद्धि होती है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार बताते हैं कि बसों से एंट्री करने वाले पाठक साहब अपनी तगड़ी सेटिंग बनाए हुए हैं जिसमें वह प्रति बस एक दिन का जो 100 रुपए महीना वसूल करते हैं उन्हें इसके लिए कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ती तथा एक दुकान में ही दुकानदार ने बाकायदा उनका रजिस्टर मेंटेन किया हुआ है जो समय पर उन तक वसूली गई राशि को पहुंचाने का काम करता है तथा प्रतिदिन की वसूली गई रकम का कोई हिस्सेदार भी नहीं रहता।
आरटीओ को बस स्टैंड के भीतर चेकिंग की है मनाही
सूत्र बताते हैं कि बस स्टैंड में पुलिस विभाग की सेटिंग को डिस्टर्ब करने का पावर आरटीओ विभाग के पास भी नहीं है क्योंकि यह पहले से ही तय कर दिया गया है कि आरटीओ विभाग का कोई कर्मचारी बस स्टैंड के भीतर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं करेगा जिससे पुलिस वाले साहब का महीने का मैनेजमेंट सुचारू ढंग से संचालित होता रहे जिसके चलते आरटीओ विभाग कभी भी बस स्टैंड के भीतर वाहनों पर कार्यवाही करने का रिश्क नहीं उठाता हालांकि आरटीओ सेटिंग तो कैसे भी बनी हुई है जहां बस स्टैंड से बाहर ही उनके पास भी महीने की राशि पहुंच जाती है जिसके कारण वह भी कार्यवाही से कतराते रहते हैं।