राष्ट्रीय

PM Narendra Modi का अमेरिका दौरा, भारत-यूएस संबंधों को नई दिशा

PM Narendra Modi 12 फरवरी से शुरू होने वाले दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं, जो भारत-यूएस संबंधों के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे, और दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, और सुरक्षा सहयोग पर अहम चर्चा करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने की आवश्यकता है।

भारत और अमेरिका के रिश्तों में मजबूती

यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अग्रि ने इस दौरे को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह दौरा दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, “यह दौरा इस बात को सुनिश्चित करेगा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, और अर्थव्यवस्था में सहयोग को लेकर ठोस समझ बनी रहे।”

अग्रि ने यह भी कहा कि अवैध आप्रवासियों को अमेरिका से भारत वापस भेजे जाने के दौरान हाथ में हथकड़ी डालने के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि यह कानून के तहत किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद मानवता का ध्यान रखा जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प की मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-यूएस द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना है। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रक्षा सहयोग पर गंभीर चर्चा होने की संभावना है। भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा, आतंकवाद निरोधी सहयोग, और भारतीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण बिंदु रहेंगे।

विदेश सचिव का बयान

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे को भारत-यूएस संबंधों में और गति देने वाला बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक सहयोग को नई दिशा देगा।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के पहले अमेरिकी दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों देशों के बीच विचार-विमर्श होगा।

मिस्री ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग पर भी चर्चा होगी, क्योंकि मोदी 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस में भी रहेंगे, जहां वह ‘ए.आई. एक्शन समिट’ में भाग लेंगे और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी शामिल होंगे।

फ्रांस यात्रा के दौरान होने वाली चर्चाएं

प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण है। फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच भारत-फ्रांस रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से कई वार्ताएं होंगी। मोदी और मैक्रों ‘इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर’ (ITER) साइट का दौरा करेंगे, जहां भारत इस परियोजना का साझेदार है।

प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान दोनों नेता भारतीय सैनिकों की प्रथम विश्व युद्ध में दी गई शहादत को सम्मानित करने के लिए एक युद्ध स्मारक पर भी जाएंगे।

अमेरिका में भारतीय समुदाय की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान भारतीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। भारत में रह रहे लगभग 54 लाख भारतीय अमेरिकी और अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले 3.5 लाख भारतीय छात्रों के जरिए भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध और अधिक प्रगाढ़ हुए हैं।

मिस्री ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में न केवल सरकारी स्तर पर, बल्कि जनता और संस्कृति के स्तर पर भी एक सशक्त आधार है।” यह भारतीय समुदाय के प्रति दोनों देशों की चिंता और समर्थन को दर्शाता है, जो आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक प्रगति की दिशा में ले जाएगा।

व्यापार और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान व्यापार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच निवेश और उच्च तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर भी चर्चा हो सकती है।

भारत-यूएस रक्षा सहयोग

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग पर भी प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान बातचीत होने की संभावना है। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में पहले से ही बहुत मजबूत सहयोग है, और यह सहयोग भविष्य में और भी गहरा हो सकता है। इस दौरे के दौरान कई प्रमुख रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में कई अहम समझौते हो सकते हैं। इसके अलावा, यह दौरा भारत-यूएस संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करेगा। इस यात्रा से न केवल दोनों देशों के रिश्तों को नया आयाम मिलेगा, बल्कि यह भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी एक अहम कदम साबित होगा।

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