इंदौर में गंदगी का अंबार: जनता की शिकायतें अनसुनी, बिना समाधान बंद हो रही शिकायतें
इंदौर, जिसे स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे देश में अग्रणी माना जाता है, अब लापरवाही का शिकार होता दिख रहा है। शहर के कई इलाकों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है और जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। नगर निगम द्वारा बनाए गए 311 ऐप पर भी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। स्थिति एयरपोर्ट, बंगंगा, देवास नाका, लसूड़िया, मूसाखेड़ी, हरसिद्धि, लालबाग, और सुपर कॉरिडोर जैसे इलाकों में काफी खराब है।
नगर निगम के 311 ऐप पर भी सुनवाई नहीं हो रही
इंदौर नगर निगम ने जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए 311 ऐप बनाया था। लेकिन इस ऐप पर दर्ज शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यहां तक कि बिना समाधान के ही शिकायतों को बंद कर दिया जाता है।
पिपल्याहाना के एक रिहायशी इलाके में कचरे का ढेर लगा हुआ है। वहां के निवासी अभय बाथम ने बताया कि हमने कई बार साफ-सफाई को लेकर शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बाद भी नोट्स में यह लिख दिया जाता है कि “काम प्रगति पर है” और शिकायत बंद कर दी जाती है।
जनता की बढ़ती नाराजगी
लोगों का कहना है कि निगम के अधिकारियों को बार-बार सूचित करने के बावजूद उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। पिपल्याहाना, देवास नाका और लसूड़िया जैसे इलाकों के लोगों ने कहा कि उनकी शिकायतें बार-बार बिना किसी समाधान के बंद कर दी जाती हैं। यह लापरवाही न केवल स्वच्छता की स्थिति को खराब कर रही है, बल्कि जनता के बीच नाराजगी भी बढ़ा रही है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जताई नाराजगी
हाल ही में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर की स्वच्छता पर एक बैठक आयोजित की। उन्होंने शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती गंदगी पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति इंदौर की स्वच्छता की पहचान को नुकसान पहुंचा सकती है।
इस बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट और सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे। सुमित्रा महाजन ने कहा कि इंदौर ने स्वच्छता में जो मुकाम हासिल किया है, उसे बरकरार रखने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
नगर निगम का बयान: “हम शिकायतों की जांच कर रहे हैं”
इंदौर नगर निगम के आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि 311 ऐप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह सामने आया है कि शिकायतों को बिना समाधान बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा, “हम ऐसी शिकायतों की जांच कर रहे हैं। अगर कोई ऐसी समस्या है तो हमें बताएं, हम तुरंत समाधान करेंगे। जो भी अधिकारी बिना समाधान के शिकायतें बंद कर रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
पंचकुइयां नाले की सफाई का निरीक्षण
शनिवार सुबह नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने पंचकुइयां नाले की सफाई का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि नाले की सफाई का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही नाले के किनारे एक रेटेनिंग वॉल बनाने और घाट के आसपास सौंदर्यीकरण का कार्य करने का भी निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने घाट पर स्थित कुएं की सफाई कराने और उसकी सुरक्षा के लिए उस पर जाली लगाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान अतिरिक्त आयुक्त रोहित सिसोनिया, जोनल अधिकारी विनोद अग्रवाल, वर्कशॉप प्रभारी मनीष पांडे, विवेक जैन, और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत
इंदौर के ग्रामीण इलाकों में गंदगी की समस्या शहर की तुलना में अधिक गंभीर है। इन क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। सुमित्रा महाजन ने भी अपनी बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो इंदौर की स्वच्छता की छवि को गहरा धक्का लग सकता है।
समस्याओं का समाधान कैसे हो?
- शिकायतों का ईमानदारी से समाधान: नगर निगम को 311 ऐप पर दर्ज शिकायतों का त्वरित और ईमानदार समाधान सुनिश्चित करना चाहिए।
- पारदर्शिता: शिकायतों की प्रगति पर जनता को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए।
- अधिकारियों की जवाबदेही: बिना समाधान के शिकायतें बंद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान: शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सफाई अभियान चलाना आवश्यक है।
इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो पहचान बनाई है, उसे बरकरार रखना बेहद जरूरी है। लेकिन, वर्तमान स्थिति में नगर निगम की लापरवाही और जनता की अनदेखी से यह पहचान खतरे में पड़ सकती है। जनता की शिकायतों का समाधान और साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था से ही इंदौर अपनी स्वच्छता राजधानी की उपाधि को बनाए रख सकता है।