Operation Bhediya: मानव-भक्षक भेड़िया को गांव वालों ने पीट-पीटकर मार डाला, वन विभाग 24 दिन से कर रहा था उसकी खोज
Operation Bhediya: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील में लगभग 50 गांवों में आतंक का पर्याय बन चुके मानव-भक्षक भेड़ियों के एक झुंड के अंतिम सदस्य को गांव के लोगों ने शनिवार और रविवार की रात तमाचपुर गांव में मार डाला। यह भेड़िया उन भेड़ियों का छठा और अंतिम सदस्य था, जिसकी खोज वन विभाग पिछले 24 दिनों से कर रहा था।
वन विभाग की पुष्टि
बहराइच के वन क्षेत्राधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने रविवार सुबह इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मारे गए भेड़िये की शव परीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि “शनिवार की रात हमें सूचना मिली कि तमाचपुर गांव में लोगों ने एक भेड़िये को मार डाला है। जब हम वहां पहुंचे, तो हमने मृत भेड़िया और एक बकरी की लाश देखी। भेड़िये के शरीर पर चोट के निशान थे और वह रक्तरंजित था। नजदीकी जांच में पता चला कि मारा गया भेड़िया एक वयस्क मादा है।”
घटना का विवरण
अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि “भेड़िया बस्ती में प्रवेश कर गया था और एक बकरी को उठाकर ले जा रहा था। रास्ते में गांव वालों ने उसे घेर लिया और उसे मार डाला। मरे हुए भेड़िये को शव परीक्षा के लिए रेंज कार्यालय लाया गया है। अगर शव परीक्षा रिपोर्ट में कोई विशेष जानकारी आती है, तो उसे साझा किया जाएगा।”
गांव वालों की सतर्कता
वहीं, तमाचपुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने पत्रकारों को बताया कि भेड़िये ने एक मासूम बच्चे पर हमला करने की कोशिश की थी, जो अपनी मां के पास आंगन में सो रहा था। मां की चीखें सुनकर भेड़िया वहां से भाग गया और एक बकरी पर हमला कर दिया। भेड़िये के गांव में आने की सूचना मिलने पर ग्रामीण सतर्क हो गए और उसे घेरकर पीट-पीटकर मार डाला।
भय का माहौल
महसी तहसील के घाघरा नदी बेसिन के अंतर्गत आने वाले 50 गांवों के हजारों नागरिकों को भेड़िया हमलों के कारण लगभग दो महीने तक दहशत में रहना पड़ा। 17 जुलाई से अब तक आठ लोग, जिनमें सात बच्चे शामिल हैं, भेड़ियों या अन्य जानवरों के हमलों में मारे गए हैं, जबकि लगभग 36 लोग इन हमलों में घायल हुए हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग के अनुसार, मानव-भक्षक भेड़ियों का एक झुंड गांव वालों पर हमले कर रहा था। इनमें से पांच भेड़ियों को पहले ही पकड़ा जा चुका था, जबकि झुंड का अंतिम भेड़िया अभी तक पकड़ा नहीं गया था। झुंड का पांचवां भेड़िया 10 सितंबर को पिंजरे में कैद किया गया था और उसे चिड़ियाघर भेजा गया था।
भेड़िया के हमलों का प्रभाव
भेड़ियों के हमले से ग्रामीणों में फैली दहशत ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को जागरूक किया। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षा के उपायों को अपनाने की सलाह दी थी। साथ ही, वन विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से कई अभियान चलाए थे, जिसमें ग्रामीणों को भेड़िया हमलों से बचाने के लिए जागरूक किया गया था।
सुरक्षा के उपाय
ग्रामीणों ने अपने गांवों में चौकसी बढ़ा दी थी। उन्होंने भेड़िया के हमले से बचने के लिए रात में अपने बच्चों को घर के अंदर रखने और पशुओं को सुरक्षित रखने का प्रयास किया। साथ ही, कई गांवों में सुरक्षा समितियों का गठन किया गया, जो रात में गश्त करती थीं।
भेड़ियों का भक्षक व्यवहार
मानव-भक्षक भेड़ियों के व्यवहार को समझना जरूरी है। सामान्यतः भेड़िये सामाजिक जीव होते हैं, लेकिन जब वे भोजन की कमी का सामना करते हैं, तो वे गांवों में घुसपैठ कर सकते हैं। भेड़िये आमतौर पर शिकार करने के लिए समूह में काम करते हैं, जिससे वे अपने शिकार को आसानी से पकड़ सकते हैं।