मध्य प्रदेश

ख़ांदवा में आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का विरोध, पाकिस्तान और आतंकवाद के पुतले को जलाया

कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले ने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है और हर हिस्से से आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। इस बीच, मध्यप्रदेश के ख़ांदवा में मुस्लिम समुदाय ने भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए पाकिस्तान और आतंकवाद के पुतले को जलाया। यह विरोध प्रदर्शन शांति और एकता का प्रतीक था, जिसमें लोगों ने आतंकवाद की निंदा की और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की।

ख़ांदवा में मुस्लिम समुदाय का विरोध प्रदर्शन

ख़ांदवा के ख़ानशाहवाली इलाके में पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे गूंज रहे थे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस मौके पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए आतंकवाद के पुतले को जलाया। इस प्रदर्शन में शहर के मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी भाग लिया और आतंकवाद से शहीद हुए 27 निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इन नेताओं ने कश्मीर में हो रहे आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को आश्रय देने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद को लेकर अपनी आवाज उठाई और इसे किसी भी रूप में स्वीकारने से इनकार किया।

इस प्रदर्शन में शामिल हुए कांग्रेस पार्षद शब्बीर क़ादरी ने कहा कि ख़ांदवा सहित देशभर का मुस्लिम समुदाय पहलगाम में हुए इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने पाकिस्तान की भी आलोचना की और कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। क़ादरी ने कहा कि पाकिस्तान और आतंकवाद के पुतले को जलाने का मकसद यह है कि देश में शांति और एकता बनी रहे और आतंकवाद के खिलाफ सब एकजुट होकर खड़े हों। इस दौरान क़ारी हकीम साहब ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और उन्हें पकड़कर चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए।

कड़ी कार्रवाई की मांग और पाकिस्तान से निपटने का आह्वान

ख़ांदवा के शहर क़ाज़ी सय्यद निसार अली ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ पाकिस्तान के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। पाकिस्तान को यह संदेश दिया जाना चाहिए कि वह आतंकवादियों को शरण देने का काम बंद करे। क़ाज़ी निसार अली ने कहा कि आतंकवाद का मामला सिर्फ भारत का नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है और अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट हो। इस प्रदर्शन में शामिल सभी लोग देश की एकता और अखंडता के लिए खड़े हुए और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाने की बात कही।

यह विरोध प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारतीय समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और इसकी किसी भी प्रकार की स्वीकार्यता को नकारता है। हर भारतीय की यह जिम्मेदारी बनती है कि आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराए और अपने देश की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग करें। इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से यह साफ है कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर देशभर में गुस्सा है और हर वर्ग इसमें अपने तरीके से भाग ले रहा है।

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