MP News: फैज़ल निसार ने तिरंगा फहराकर 21 बार ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए
MP News: बीते मंगलवार को भोपाल पुलिस स्टेशन पर आरोपित फाइज़ल निसार उर्फ़ फैज़ान ने तिरंगा फहराया और अपनी जमानत की शर्तों के तहत ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इस दौरान, उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए तिरंगे को 21 बार सलाम किया। कुछ महीने पहले, फाइज़ल पर एक वीडियो में “पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत मुर्दाबाद” के नारे लगाने का आरोप लगा था।
जमानत की शर्तें
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर ने 15 अक्टूबर को फाइज़ल को 50,000 रुपये के व्यक्तिगत बांड और उसी राशि की एक जमानत पर जमानत दी थी। इसके साथ ही, उन्हें यह शर्त भी दी गई थी कि वह हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच भोपाल के मिसरोद पुलिस स्टेशन में मौजूद रहेंगे, और पुलिस स्टेशन की इमारत पर फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलाम करेंगे तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाएंगे।
आज के दिन फाइज़ल ने भोपाल पुलिस स्टेशन पर तिरंगे को 21 बार सलाम किया और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
न्यायिक टिप्पणी
जस्टिस डीके पालिवाल ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपित को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है, ताकि वह देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व का एहसास कर सके। 17 मई 2024 को मिसरोद पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153बी के तहत फाइज़ल के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। आरोप है कि फाइज़ल ने पाकिस्तान के समर्थन में और भारत के खिलाफ नारे लगाए थे।
अभियोजन का तर्क
उच्च न्यायालय में अभियोजन पक्ष ने तर्क किया कि आरोपित के कार्य समाज में दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए हैं और ये राष्ट्रीय एकता और सद्भावना के लिए अत्यधिक खतरनाक हैं। वहीं, बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि फाइज़ल को झूठे आरोपों में फंसाया गया है।
राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक एक नियमित अपराधी है और उसके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
समाज पर प्रभाव
फाइज़ल के इस कदम को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। ऐसे मामलों में जहां कुछ लोग देश के प्रति नकारात्मक विचार रखते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग देशभक्ति का जश्न मनाते हैं। फाइज़ल का तिरंगा फहराना और नारे लगाना उन लोगों के लिए एक संदेश है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खड़े हैं।
फाइज़ल निसार का तिरंगा फहराना और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना इस बात का संकेत है कि कानून और न्यायपालिका अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। यह घटना यह भी दिखाती है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक व्यक्ति की सोच और कार्य महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
आगे की जाँच और मामले का अंतिम फैसला आने तक फाइज़ल को अपनी शर्तों का पालन करना होगा। न्यायपालिका के माध्यम से समाज में सद्भाव और एकता की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है।
फाइज़ल का यह कदम यह दर्शाता है कि हम सबको अपने देश के प्रति जिम्मेदार और जागरूक रहना चाहिए। अगर हम सभी मिलकर देश की एकता और अखंडता के लिए काम करें, तो हम एक मजबूत और सुरक्षित राष्ट्र की दिशा में बढ़ सकते हैं।