MP News: 16 दिसंबर को कांग्रेस विधानसभा घेराव करेगी, जीतु पटवारी ने किया ऐलान

मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति ने 16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। राज्य कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जीतु पटवारी ने कहा है कि ब्लॉक स्तर तक के कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में भोपाल पहुंचेंगे और विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान डॉ. मोहन यादव द्वारा जनता के सामने रखे गए संकल्प पत्र को याद दिलाएंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के आह्वान पर 16 दिसंबर को राजधानी भोपाल में एक बड़ा आंदोलन होगा।
कांग्रेस नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जीतु पटवारी और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान जीतु पटवारी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 में संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने का वादा किया था। इन वादों को एक साल के भीतर पूरा करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार ने अब तक इनमें से अधिकांश वादों को पूरा नहीं किया है।
पत्रकारों के लिए वादा
संकल्प पत्र में किए गए वादों में से एक महत्वपूर्ण वादा यह था कि 60 साल से ऊपर के पत्रकारों को प्रतिमाह 20,000 रुपये की राशि दी जाएगी। लेकिन सरकार ने इस वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। जीतु पटवारी ने कहा कि एक साल पूरे हो गए हैं, जब डॉ. मोहन यादव सरकार सत्ता में आई थी, और इस दौरान सभी वादों को पूरा किया जाना था। लेकिन अभी तक अधिकांश वादे अधूरे हैं। इन वादों को याद दिलाने के लिए राज्य कांग्रेस समिति 16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने जा रही है। इसके अलावा, इससे पहले एक पदयात्रा भी निकाली जाएगी।
कांग्रेस का आंदोलन
16 दिसंबर को होने वाले विधानसभा घेराव को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जो वादे किए थे, वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं, और कांग्रेस इस सरकार को याद दिलाने के लिए आंदोलन करने जा रही है। कांग्रेस का मानना है कि यह घेराव सरकार पर दबाव बनाने और उन वादों की याद दिलाने का एक तरीका होगा जो अभी तक अधूरे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए भी है। पार्टी का यह दावा है कि मुख्यमंत्री ने किसानों, गरीबों और अन्य वर्गों से जो वादे किए थे, वे सभी अधूरे हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों पर जनता से जो वादे किए थे, वे भी अब तक पूरे नहीं हुए हैं।
बीजेपी का कांग्रेस के आंदोलन पर प्रतिक्रिया
बीजेपी ने कांग्रेस के इस आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के राज्य प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी हर वादे को पूरा करती है। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश में किसानों और गरीबों की सरकार है, और बीजेपी का संकल्प पत्र हर वर्ग की भलाई के लिए है। आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस के संकल्प पत्र पर भी सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस को बीजेपी के संकल्प पत्र की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बीजेपी ने हमेशा अपनी योजनाओं को सही तरीके से लागू किया है।
आशीष अग्रवाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं किया। उनका कहना था कि उस समय जीतु पटवारी भी मंत्री थे, और अब वह इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार से जवाब मांग रहे हैं, जबकि उनका खुद का रिकॉर्ड खरा नहीं है।
बीजेपी की सरकार की उपलब्धियां
बीजेपी का कहना है कि उनकी सरकार किसानों, गरीबों और आम लोगों के लिए कई योजनाएं चला रही है। राज्य में किसानों को फसल बीमा, बीज सब्सिडी, और अन्य कृषि योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, बीजेपी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी कई पहल की हैं। बीजेपी का दावा है कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जो कांग्रेस के शासनकाल में नहीं थी।
बीजेपी ने यह भी कहा कि राज्य में गरीबों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जो उन्हें सीधा लाभ दे रही हैं। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के आंदोलन के बावजूद सरकार ने अपना काम जारी रखा है और जनता के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।
कांग्रेस का तर्क और बीजेपी की आलोचना
कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादों में से अधिकांश पूरे नहीं हुए हैं। राज्य के किसानों, पत्रकारों, और महिलाओं के लिए किए गए वादे अभी तक अधूरे हैं। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि एक साल के भीतर सभी वादों को क्यों नहीं पूरा किया गया। साथ ही, कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने जो योजनाएं चलाई हैं, वे केवल कागजों तक सीमित हैं, और उनका लाभ जनता तक नहीं पहुंचा है।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि बीजेपी सरकार को अब जवाब देना होगा कि आखिरकार उन वादों का क्या हुआ जो उन्होंने चुनावों के दौरान किए थे। कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार ने इन वादों को पूरा किया होता, तो उन्हें आंदोलन की जरूरत नहीं होती।