मंत्री नरेंद्र शिवाजी ने सीएम के विभाग में दखल देकर रोका सैंड डंपर, उठाए सवाल
मध्य प्रदेश में सरकार बनने के बाद मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए ताकि वे अपने विभाग की व्यवस्थाओं पर नजर रख सकें और उन्हें बेहतर बना सकें।
हालांकि, हाल के घटनाक्रम में यह देखा गया है कि राज्य सरकार के मंत्री अपने विभागों को छोड़कर अन्य विभागों के मामलों में दखल दे रहे हैं और सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं।
मंत्री नरेंद्र शिवाजी की कार्रवाई
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां राज्य सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने खनिज संसाधन विभाग में दखल देते हुए सैंड डंपरों को रोका और उन पर कार्रवाई की।
उदयपुरा विधानसभा सीट से विधायक और राज्य सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने नेशनल हाईवे पर सैंड डंपरों को रोका। उन्होंने मौके पर पुलिस को बुलाया और ओवरलोडेड डंपरों पर कार्रवाई की।
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
मंत्री पटेल ने इस कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया पर भी साझा की। उन्होंने बताया, “मेरे विधानसभा क्षेत्र में सड़कों को नुकसान पहुंचाने वाले ओवरलोडेड डंपरों को पकड़ा गया है और प्रशासन के हवाले किया गया है। सैंड ठेकेदार द्वारा जारी टीपी में ओवरलोडिंग का स्पष्ट उल्लेख है। ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर दोनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
व्यवस्था पर उठे सवाल
राज्य सरकार के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल की इस कार्रवाई ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास खनिज संसाधन विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वहीं, राज्यमंत्री पटेल के पास सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी है।
ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री अपने विभागों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं?
कौन-कौन से मंत्री के पास कौन-से विभाग हैं?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास:
- सामान्य प्रशासन
- गृह
- जेल
- औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन
- जनसंपर्क
- नर्मदा घाटी विकास
- विमानन
- खनिज संसाधन
- लोक सेवा प्रबंधन
- एनआरआई मामले
अन्य मंत्रियों के विभाग:
- जगदीश देवड़ा (उपमुख्यमंत्री): वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना आर्थिक और सांख्यिकी
- राजेंद्र शुक्ला (उपमुख्यमंत्री): सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा
- कैलाश विजयवर्गीय: नगरीय विकास और आवास, संसदीय कार्य
- प्रह्लाद सिंह पटेल: पंचायत और ग्रामीण विकास, श्रम
- राकेश सिंह: लोक निर्माण विभाग
- करन सिंह वर्मा: राजस्व
- उदय प्रताप सिंह: परिवहन, स्कूल शिक्षा
- तुलसीराम सिलावट: जल संसाधन
- नरेंद्र शिवाजी पटेल: सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
सीएम के विभाग में दखल क्यों?
राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा खनिज संसाधन विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करना यह संकेत देता है कि मुख्यमंत्री के विभागों की निगरानी में कहीं न कहीं कमी है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या मुख्यमंत्री अपने विभागों की जिम्मेदारी सही तरीके से संभाल रहे हैं?
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्रियों की जिम्मेदारियों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा सीएम के विभाग में दखल देना सरकार के भीतर व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है। इस मामले को लेकर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।