Mann ki baat: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत मोर्चा खोला, PM मोदी ने दी दुनिया को चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में देश और दुनिया को संबोधित किया। उन्होंने अपने संदेश की शुरुआत आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश देकर की। पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर में अब शांति लौट रही है। वहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और विकास कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। इसी बीच देश के दुश्मनों ने एक बार फिर हमला कर हालात बिगाड़ने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के सभी लोगों की एकजुटता सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस लड़ाई में 140 करोड़ देशवासियों के साथ आज पूरा विश्व खड़ा है।
पीड़ित परिवारों को न्याय का भरोसा
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कई देशों के नेताओं ने उनसे फोन पर बात कर भारत के साथ एकजुटता जताई है। पीएम मोदी ने कहा कि दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ा से कड़ा जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि पूरा देश इस संकट की घड़ी में एकजुट है और आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश के महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले हमने विज्ञान, शिक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊंचाइयां देने वाले महान व्यक्तित्व को खो दिया। डॉ. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में इसरो को एक नई पहचान मिली। वे देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में भी अहम भूमिका में रहे। उन्होंने 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार शिक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाने का विचार दिया। आज भारत ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च करने का रिकॉर्ड बनाया है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश भी बना है। इन उपलब्धियों के पीछे डॉ. कस्तूरीरंगन जैसे दूरदर्शी वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान है।
आपदा में मदद के लिए भारत हमेशा आगे
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि पिछले महीने म्यांमार में आए भीषण भूकंप के दौरान भारतीय टीम ने राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भारतीय टीम ने मलबे में फंसे लोगों के लिए फील्ड हॉस्पिटल तैयार किया। साथ ही इंजीनियरों की टीम ने जरूरी इमारतों को हुए नुकसान का आकलन भी किया। भारत ने कंबल, टेंट, दवाइयां, भोजन सामग्री जैसी जरूरी चीजें वहां भेजीं। इसके अलावा इथियोपिया में रहने वाले भारतीयों ने जन्म से दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए उन्हें भारत भेजने की पहल की है। हाल ही में भारत ने अफगानिस्तान और नेपाल को बड़ी मात्रा में दवाइयां और टीके भी भेजे हैं ताकि वहां भी लोगों का बेहतर इलाज हो सके। यह दर्शाता है कि भारत हर संकट में मानवता के साथ खड़ा है।