Mahkumbh 2025: अफज़ल अंसारी की अनोखी मांग, कुम्भ मेले में भेजी जाएं गांजे की मालगाड़ी!
Mahkumbh 2025: उत्तर प्रदेश में गाजीपुर से समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद अफज़ल अंसारी ने हाल ही में एक विवादित मांग की है। उन्होंने कहा है कि गांजे को वैध करना चाहिए। उनका तर्क है कि जैसे शराब को वैध किया गया है, वैसे ही गांजे को भी वैध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाखों लोग देश में गांजा पीते हैं और यह धार्मिक स्थलों पर ‘प्रसाद’ के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। उनका यह बयान कुम्भ मेले के संदर्भ में सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि एक मालगाड़ी गांजे की कुम्भ मेले में भेजी जाए, तो वह पूरी खत्म हो जाएगी।
गांजे का वैधीकरण: अफज़ल का तर्क
अफज़ल अंसारी का कहना है कि यदि गांजा अवैध है, तो फिर इसे सार्वजनिक रूप से क्यों सेवन करने की अनुमति दी जाती है? उन्होंने यह भी कहा कि साधु, संत और समाज के कई लोग गांजा पीते हैं। उन्होंने दावा किया कि यदि कोई इस बात पर विश्वास नहीं करता है, तो उसे गाजीपुर के आश्रमों में जाकर देखना चाहिए।
उनकी मांग है कि सरकार को गांजे को कानूनी दर्जा देना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला जैसे धार्मिक स्थलों पर गांजे का सेवन आम बात है, और इसे भगवान का प्रसाद समझा जाता है।
शराब की दुकानों का विरोध
अफज़ल ने मुख्यमंत्री से अपील की कि नए शराब के दुकानों को न खोला जाए। उनका कहना है कि कौन-सी धर्म शराब की दुकानों को बढ़ावा देने की बात करता है? उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर शराब का सेवन किया जा सकता है, तो गांजे के सेवन को भी क्यों नहीं मान्यता दी जानी चाहिए?
तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद पर प्रतिक्रिया
अफज़ल ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह सब प्रचारित किया गया था ताकि बालाजी मंदिर के प्रसाद का ठेका एक गुजरात कंपनी को दिया जा सके। उनका कहना था कि प्रसाद में घी होता है, न कि फैट। यह बयान भी सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर उनकी विचारधारा को उजागर करता है।
मुख्तार अंसारी का मामला
अफज़ल अंसारी ने मुख्तार अंसारी की मौत के संदर्भ में भी बात की। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या थी। उनका कहना था कि मुख्तार को इस लिए मारा गया ताकि एक बड़े माफिया डॉन को बचाया जा सके, जिसे सरकार ने पाला था। उनका मानना है कि मुख्तार की गवाही से उस माफिया को सजा मिल सकती थी।
गांजे का सामाजिक और धार्मिक पहलू
अफज़ल अंसारी का यह बयान समाज में चल रही कई बहसों का हिस्सा है। गांजे के सेवन को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हैं, जबकि कुछ इसे औषधीय और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानते हैं। धार्मिक स्थलों पर गांजे के सेवन को लेकर भी विभिन्न दृष्टिकोण हैं।
कुछ साधु-संत इसे धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा मानते हैं, जबकि कई लोग इसे समाज के लिए हानिकारक मानते हैं। ऐसे में अफज़ल का यह बयान एक नई बहस को जन्म दे सकता है कि क्या सच में गांजे को वैध किया जाना चाहिए या नहीं।