Mahakumbh 2025: उत्तर मध्य रेलवे श्रद्धालुओं के लिए चलाएगा 300 से अधिक ट्रेनें, जिनमें 80 विशेष ट्रेनें भी शामिल हैं

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेला है, जो 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और पहले दिन से ही लाखों श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है। ये श्रद्धालु मुख्य रूप से ट्रेन के माध्यम से यात्रा करेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए, उत्तर-मध्य रेलवे ने महाकुंभ के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 से अधिक ट्रेनें, जिनमें 80 विशेष ट्रेनें शामिल हैं, चलाने की योजना बनाई गई है।
महाकुंभ के लिए रेलवे द्वारा की गई तैयारी
महाकुंभ की शुरुआत से कुछ घंटे पहले, उत्तर-मध्य रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन, टिकट काउंटर, ट्रेन सेवाओं और सुरक्षा व्यवस्था समेत सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। उनका कहना था कि दो साल पहले ही महाकुंभ के लिए रेलवे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं और अब ये तैयारियां इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि रेलवे पूरे आत्मविश्वास के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत कर सकता है।
शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेनों की शुरूआत
महाकुंभ के पहले दिन से ही दिल्ली, कानपुर, इलाहाबाद जैसे नजदीकी शहरों के लिए अनरेजर्व्ड शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। शशिकांत त्रिपाठी ने जानकारी दी कि “हमने 1 जनवरी से लंबी दूरी की विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया था, जिसमें 50 ट्रेनें शामिल थीं। 10 जनवरी से हमारी रिंग रेल सेवाएं भी शुरू हो गई थीं और अब हम 13 जनवरी से शॉर्ट डिस्टेंस अनरेजर्व्ड ट्रेन सेवाएं शुरू कर रहे हैं। इन सेवाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक सुगमता से पहुंचाना है।”
80 विशेष ट्रेनें और 300 से अधिक ट्रेनें
उत्तर-मध्य रेलवे ने महाकुंभ के लिए कुल 300 से अधिक ट्रेनें चलाने का फैसला किया है, जिनमें 80 विशेष ट्रेनें शामिल हैं। इन विशेष ट्रेनों की सेवाएं श्रद्धालुओं के आवागमन को आसान बनाने के लिए शुरू की जा रही हैं। शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि “मकर संक्रांति के बाद से हम विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू करेंगे ताकि श्रद्धालु आसानी से प्रयागराज पहुंच सकें।”
4-5 लाख लोगों के निष्कासन की योजना
रेलवे अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेलवे के क्षेत्रीय विभागों की मदद से, पूरे देश से कर्मचारियों को प्रयागराज भेजा गया है ताकि वे कुंभ मेले के संचालन में सहायता कर सकें। उन्होंने कहा, “हमारी योजना के अनुसार, हम सोमवार को लगभग 4-5 लाख श्रद्धालुओं को प्रयागराज से उनके घरों तक भेजने के लिए तैयार हैं। इस क्षमता को प्राप्त करने के लिए भारतीय रेलवे से अतिरिक्त सहायता प्राप्त की गई है। हमारे पास अतिरिक्त लोको पायलट, गार्ड, कंट्रोलर्स और अन्य विभागों के कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है।”
भीड़ प्रबंधन के उपाय
भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे ने कई उपाय किए हैं, जिनमें स्टेशन के प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग रास्तों का निर्धारण किया गया है। शशिकांत त्रिपाठी ने कहा, “हमने प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग मार्गों को निर्धारित किया है, जिससे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण में रहे। नागरिक अब स्टेशन पर नेता रोड से प्रवेश करेंगे और सिविल लाइन्स से बाहर जाएंगे। इस प्रकार से एकतरफा आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा और भीड़ को फैलने से रोका जाएगा।”
बिना भाषाई अवरोध के सूचना
रेलवे ने यात्री जानकारी को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न भाषाओं में घोषणाएं शुरू की हैं। इसके साथ ही टोल-फ्री नंबर और सूचना स्क्रीन भी स्थापित की गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इन घोषणाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं की भाषा की दीवार को समाप्त करना और उन्हें सही जानकारी देना है।
रेलवे स्टेशनों की सुविधाओं में सुधार
कुंभ मेला क्षेत्र के पास रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार किया गया है। दिलीप कुमार, रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक, सूचना और जनसंपर्क ने कहा, “हमने यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी संभव प्रयास किए हैं। यात्रियों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी स्टेशनों पर सुविधाओं को उन्नत किया गया है।”
महाकुंभ का समापन और मुख्य स्नान पर्व
महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी को होगा, और इस दौरान प्रमुख स्नान पर्वों का आयोजन होगा, जिसमें 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन प्रमुख स्नान आयोजित किए जाएंगे। लाखों श्रद्धालु इन दिनों संगम में पवित्र स्नान के लिए पहुंचेंगे।
उत्तर-मध्य रेलवे ने महाकुंभ के लिए जिस प्रकार की व्यापक तैयारी की है, उससे यह उम्मीद की जा रही है कि श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। रेलवे की यह योजनाएं सुनिश्चित करती हैं कि महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु अपने गंतव्य तक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकेंगे।