Madhya Pradesh News: जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव पर हमला किया, कहा- “अगर धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाना था, तो पहले…”

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा ऐलान किया है। इस ऐलान के तहत, आने वाले वित्तीय वर्ष से धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री को बंद किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह निर्णय संतों और महंतों की अपील के बाद लिया गया है। इस कदम के बाद, विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है, और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने खुलकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया था कि राज्य के धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस कदम को धार्मिक आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कई धार्मिक स्थानों पर संतों और साधुओं की अपील के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया। इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री को नियंत्रित करना और जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है। मुख्यमंत्री ने इस कदम की घोषणा करते हुए कहा था कि यह फैसला धार्मिक नगरीयों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
जीतू पटवारी का सीएम मोहन यादव पर हमला
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर हमला बोलते हुए कहा, “नर्मदा नदी के किनारे शराब पर प्रतिबंध पहले ही लगाया जा चुका है, लेकिन यहां कोई ऐसा गांव नहीं है जहां शराब वैध या अवैध रूप से न बिकती हो। मुख्यमंत्री मोहन यादव हर दिन नए हेडलाइन देने के शौक़ीन हो गए हैं। अगर उन्हें धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाना था, तो पहले महाकाल नगरी में यह कदम उठाना चाहिए था, क्योंकि वह खुद उज्जैन से विधायक हैं।” जीतू पटवारी ने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री सिर्फ लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं और उनका यह पुराना तरीका बन चुका है।
‘गुमराह करना मुख्यमंत्री मोहन यादव की आदत बन चुका है’
जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव पर और भी कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “आप लोग जनता को गुमराह करते हैं, कर्ज लेते हैं, भ्रष्टाचार करते हैं और कमीशन खाते हैं। मध्य प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है और राज्य का कानून-व्यवस्था भी बिगड़ती जा रही है। यहां माफिया का राज है। झूठ बोलना और जनता को गुमराह करना अब मुख्यमंत्री मोहन यादव की आदत बन चुका है।”
जीतू पटवारी ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों और भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में माफिया का शासन है और मुख्यमंत्री इसे नियंत्रित करने में विफल हो चुके हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए काम कर रही है और जनता के वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटा रही है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक नगर
मध्य प्रदेश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जो राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। इन नगरों में धार्मिक आस्थाओं और पर्यटन का गहरा संबंध है। यदि अब राज्य सरकार धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लागू करती है, तो इसका प्रभाव कई प्रमुख नगरों पर पड़ेगा। इन नगरों में प्रमुख रूप से उज्जैन (महाकाल नगरी), खंडवा (ओंकारेश्वर नगरी), ओरछा, दतिया (पितांबरा पीठ), माईहर (शारदा माता मंदिर) और राजगढ़ (राजराम सरकार) शामिल हैं। इन नगरों में धार्मिक पर्यटकों की बड़ी संख्या रहती है और इन स्थानों की धार्मिक महत्ता बहुत अधिक है।
उज्जैन (महाकाल नगरी)
उज्जैन, जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक नगर है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु महाकाल दर्शन के लिए आते हैं। उज्जैन में शराब पर प्रतिबंध लागू होने से स्थानीय व्यापारियों और पर्यटकों पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यहाँ शराब की बिक्री एक सामान्य व्यापार है।
खंडवा (ओंकारेश्वर नगरी)
खंडवा, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है और यह भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस नगर में शराब पर प्रतिबंध का निर्णय पर्यटन पर असर डाल सकता है, क्योंकि यह स्थान भी श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है।
ओरछा
राजमाता लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले और मंदिरों के कारण ओरछा मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां भी शराब पर प्रतिबंध लागू होने से स्थानीय जनजीवन में बदलाव आ सकता है।
दतिया (पितांबरा पीठ)
पितांबरा पीठ, दतिया जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ साल भर भक्तों की भीड़ रहती है। यहाँ शराब पर प्रतिबंध लगाना धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाएगा, लेकिन स्थानीय समुदाय में इसके खिलाफ विरोध हो सकता है।
माईहर (शारदा माता मंदिर)
माईहर में स्थित शारदा माता मंदिर एक प्रमुख श्रद्धालु स्थल है, जहाँ लाखों भक्त आते हैं। शराब पर प्रतिबंध लगाने से इस धार्मिक स्थल के आसपास के कारोबार पर असर पड़ सकता है।
राजगढ़ (राजराम सरकार)
राजगढ़, जिसे राजराम सरकार के नाम से जाना जाता है, एक अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस क्षेत्र में भी शराब पर प्रतिबंध का प्रभाव पड़ेगा और स्थानीय धार्मिक गतिविधियों में बदलाव हो सकता है।
विपक्ष का विरोध और भाजपा सरकार का बचाव
विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है और भाजपा सरकार ने पिछले कई वर्षों में राज्य के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। कांग्रेस के नेता यह भी आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से धार्मिक और राजनीतिक विवाद पैदा हो सकता है।
वहीं, भाजपा सरकार इस फैसले को धार्मिक आस्थाओं के सम्मान में लिया गया कदम मानती है और दावा करती है कि राज्य सरकार ने हमेशा जनता के हित में काम किया है। सरकार का कहना है कि धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने से समाज में एक सकारात्मक बदलाव आएगा और लोग स्वस्थ वातावरण में रहेंगे।
मध्य प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे ने राजनीतिक विवादों को जन्म दिया है। जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव इसे धार्मिक नगरों की पवित्रता बनाए रखने के कदम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे एक चुनावी चाल और गुमराह करने का प्रयास मान रहा है। इस फैसले के आने से राज्य में धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं और अब देखना होगा कि यह कदम राज्य की राजनीति में क्या बदलाव लाता है।