सोनाक्षी सिन्हा की शादी पर कुमार विश्वास का तंज, रामायण-गीता सिखाने की दी सलाह!
बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और उनके पिता शत्रुघ्न सिन्हा इन दिनों विवादों के घेरे में हैं। पहले मुकेश खन्ना ने अभिनेत्री को रामायण से संबंधित सवाल का जवाब न देने पर आलोचना की थी, और अब कुमार विश्वास ने उनके अंतर-धार्मिक विवाह पर निशाना साधा है।
सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी पर विवाद
सोनाक्षी सिन्हा ने इस साल 23 जून को अपने लंबे समय से दोस्त रहे जहीर इकबाल से एक सिविल मैरेज की। दोनों की शादी को लेकर काफी विवाद हुआ था, क्योंकि सोनाक्षी ने एक मुस्लिम लड़के से शादी की थी। इस अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर सोनाक्षी और उनके परिवार को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अब कुमार विश्वास ने भी इस शादी पर टिप्पणी करते हुए इसे विवादित तरीके से उठाया है।
कुमार विश्वास का बयान
कुमार विश्वास हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा और सोनाक्षी सिन्हा की अंतर-धार्मिक शादी पर तंज कसते हुए कहा, “अपने बच्चों को सीता जी की बहनों और राम के भाइयों की याद दिलाओ। मैं इशारा दे रहा हूं, जो समझे वो ताली बजाए। बच्चों को रामायण सुनाओ, गीता पढ़ाओ, वरना ऐसा न हो कि तुम्हारे घर का नाम रामायण हो और कोई और श्री लक्ष्मी को तुम्हारे घर से ले जाए।” यह बयान शत्रुघ्न सिन्हा के घर के नाम रामायण से जुड़ा था, जिससे यह बयान और भी ज्यादा सुर्खियां बना।
कुमार विश्वास की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया
कुमार विश्वास के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है। कुछ लोग कुमार विश्वास के पक्ष में खड़े हैं और उनकी बातों को सही मानते हुए समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि कुमार विश्वास को इस तरह के व्यक्तिगत मामलों में अपनी राय नहीं देनी चाहिए थी और यह बयान असंवेदनशील है।
सोनाक्षी सिन्हा पढ़ी लिखी है और आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिला हैं । उन्होंने अपना जीवन साथी ख़ुद चुना। लेकिन मनुवादियों के लिये महिलाये वस्तु मात्र है जिसे कोई उठा लिया या दान कर दिया जाता है।
pic.twitter.com/LdMUU25zWP— Santosh Yadav, Ph.D. (@sky_phd) December 22, 2024
मुकेश खन्ना का भी निशाना
कुमार विश्वास से पहले, अभिनेता मुकेश खन्ना ने भी सोनाक्षी सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को निशाने पर लिया था। हालांकि, उनका मुद्दा अलग था। मुकेश खन्ना ने सोनाक्षी सिन्हा को रामायण से संबंधित सवाल का सही जवाब न देने पर आलोचना की थी।
दरअसल, ‘कौन बनेगा करोड़पति 11’ के एक एपिसोड में सोनाक्षी से पूछा गया था कि हनुमान जी ने संजीवनी बूटी किसके लिए लाया था। सोनाक्षी इसका सही जवाब नहीं दे पाई थीं, जिसके बाद मुकेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बेटी को रामायण के बारे में सही ज्ञान नहीं दिया। इस पर सोनाक्षी और शत्रुघ्न सिन्हा ने मुकेश खन्ना को खरी-खोटी सुनाई थी।
कुमार विश्वास की टिप्पणी के बाद विवाद
कुमार विश्वास के बयान के बाद एक बार फिर इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हैं, वहीं दूसरी ओर इस बयान को अत्यधिक विवादास्पद और गलत भी माना जा रहा है। इस तरह के बयान न केवल व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करते हैं, बल्कि समाज में धार्मिक भेदभाव को भी बढ़ावा दे सकते हैं।
आलोचना और समर्थन का मिलाजुला रुख
कुमार विश्वास का बयान समाज में धार्मिक सहिष्णुता और समरसता की बात करने वाले कुछ लोगों को ठीक नहीं लगा है। उनका मानना है कि समाज को इस तरह की सोच को बढ़ावा नहीं देना चाहिए, जो धर्म और जाति के आधार पर विभाजन की ओर ले जाए। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग यह मानते हैं कि कुमार विश्वास ने सिर्फ अपनी राय दी है और वह सच कह रहे हैं।
कई लोग यह भी कहते हैं कि धर्म के मामले में व्यक्तिगत राय देना गलत है, क्योंकि यह हर व्यक्ति का निजी मामला होता है और किसी को भी किसी के व्यक्तिगत जीवन में दखल देने का अधिकार नहीं है।
सोनाक्षी सिन्हा की शादी को लेकर चर्चाएं
सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी को लेकर हमेशा से ही चर्चाएं रही हैं। हालांकि सोनाक्षी ने इन सब आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए अपनी शादी को लेकर कोई सफाई नहीं दी है। उनका मानना है कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है और किसी को भी इसमें दखल नहीं देना चाहिए।
इसके बावजूद, उनके परिवार के सदस्य और करीबी दोस्त भी सोशल मीडिया पर उनका समर्थन करते रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इस मामले में कई बार अपने विचार रखे हैं और कहा है कि उनका परिवार इस तरह की आलोचनाओं से प्रभावित नहीं होने वाला है।
कुमार विश्वास और मुकेश खन्ना के बयानों ने सोनाक्षी सिन्हा के व्यक्तिगत जीवन को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ लोग उनकी बातों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे गलत और असंवेदनशील भी माना जा रहा है। इस मुद्दे पर अब भी समाज में विभिन्न राय हैं, लेकिन यह तो साफ है कि इस तरह के व्यक्तिगत मामलों में हर किसी को अपनी राय देने का हक नहीं है।
यह घटना इस बात का प्रतीक है कि हम किसी के निजी जीवन में दखल देने से पहले यह समझें कि यह उनका व्यक्तिगत अधिकार है और हम सबको इसका सम्मान करना चाहिए।