123 खरीदी केन्द्रों पर खुले में रखी धान… बारिश से भीगी, अधिकारियों को रिपोर्ट का इंतजार

मीडिया ऑडीटर रीवा। पिछले दो दिनों में बारिश से धान खरीदी केन्द्रों पर रखी धान भीग चुकी है। यह धान बेयरहाउस भरने होने के कारण खरीदी केन्द्रों में खुले में रखी थी, जो बारिश में भीग गई है। अब प्रशासनिक अधिकारी बारिश से भीगी धान की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक उन्हें किसी भी खरीदी केन्द्र से धान भीगने की सूचना नहीं मिली है। जबकि तराई अंाचल मऊगंज , जबा और पन्नी सहित अन्य खरीदी केन्द्रों में धान बारिश में भीग चुकी है। बावजूद धान प्रभारी कार्रवाई से बचने जानकारी नहीं दे रहें है। चुपचाप भीग चुकी धान का भंडारण करा रहे हैं। यही कारण है अब तक किसी केन्द्रों से धान भीगने की जानकारी नहीं आई है।
बता दें कि जिले में 123 ,खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी जा रही है अब तक 45465 किसानों से 295087 टन धान का उपार्जन किया गया है। खरीदी गई धान में से अब तक 193917 टन का परिवहन करके सुरक्षित भण्डारण हुआ है। जबकि शेष धान खरीदी केन्द्रों के बाहर पड़ी हुई है। दरअसल खरीदी के्रन्द्रो से मिलिंग के लिए मिलर्स को परिवहन के आदेश देर से जारी हुए है। परिणाम स्वरूप बेयर हाउस में जगह नहीं बची। वहीं किसानों की भीड़ को देखते हुए धान का उपार्जन कर बाहर ही भंडारित कराया है। इसी बीच पश्चिम विक्षोभ के कारण मौसम विभाग ने बारिश का र्पूवानुमान जारी किया था। इससे वाकिफ होने के बावजूद खुले में रखी धान को बचाने धान प्रभारियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। परिणाम स्वरूप गुरूवार की सुबह 5 बजे से बारिश होने से धान भीग गई। कुछ केन्द्रों में धान प्रभारियों ने त्रिपाल से ढकने का प्रयास किया है लेकिन हवाओं के कारण वह धान को गिली होने से नहीं बचा सके।
किसानों की धान बारिश में भीगी –बताया जा रहा है कि शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसानों की तौल नहीं हो पाई थी। ऐसे में इन किसानों की केन्द्रों पर रखी धान अब भीग गई है। ऐसे में किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। दरअसल अब किसान की धान गिली होने के बाद खरीदी केन्द्र के प्रभारी अब लेने से इंकार कर रहे है। हालांकि शनिवार व रविवार को खरीदी बंद होने के कारण नए किसान नहीं पहुंचे। बता दें कि किसान को बेयर हाउस में लंबा इंतजार करना पड़ता है ऐसे वह धान खरीदी केन्द्र के बाहर ही खुले में धान रख देते है।
अचानक बारिश से नहीं मिला मौका : वहीं धान खरीदी केन्द्रों के प्रभारियों का कहना है पिछले कई दिनों से आसमान में बादल छाए है लेकिन बारिश नहीं हो रही थी। गुरूवार को अचानक सुबह 5 बजे से बारिश प्रांरभ हो गई है। इस कारण कुछ धान गिली हुई है लेकिन बारिश कम है ऐसे में धान खराब होने की संभावना नहीं है।
वर्जन :अभी तक किसी भी केन्द्र से धान भीगने की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। केन्द्रों में बारिश से धान को बचाने के लिए त्रिपाल की व्यवस्था थी। ऐसे में धान के खराब होने की संभावना कम है।
देवेन्द्र तिवारी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम