UP by-election में ओवैसी की एंट्री से घबराई कांग्रेस? अजय राय बोले – BJP को आए हैं जिताने
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां हर कोई BJP की उम्मीदवार सूची का इंतजार कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी उपचुनाव में अपनी एंट्री की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का AIMIM पर आरोप
यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की उपचुनाव में एंट्री पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अजय राय ने AIMIM पर आरोप लगाया है कि ओवैसी की पार्टी इंडिया गठबंधन को हराने की कोशिश कर रही है। जब अजय राय से AIMIM के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “ओवैसी यहां हम सभी को हराने के लिए आए हैं। उनका काम हमेशा BJP को जिताने का रहा है।”
सीट बंटवारे पर सपा से विवाद
25 अक्टूबर को यूपी उपचुनावों के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख है, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच अभी भी सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच AIMIM ने कुंदरकी सीट से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। इतना ही नहीं, ओवैसी गाजियाबाद सीट से रवि गौतम को भी अपना उम्मीदवार बना सकते हैं।
जब अजय राय से यूपी में सीट बंटवारे को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “हमने शीर्ष नेतृत्व को पांच सीटों के लिए प्रस्ताव भेजा है। हम चाहते हैं कि कांग्रेस पांच सीटों पर बराबर की हिस्सेदारी के साथ चुनाव लड़े और BJP को हराए।” उन्होंने ABP न्यूज से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस पांच सीटों से कम पर सहमत नहीं होगी। हमने उन पांच सीटों का दावा किया है, जहां सपा हार चुकी थी। हमने वे सीटें नहीं मांगी जो पहले सपा के खाते में थीं।”
दबाव में नहीं झुकेगी कांग्रेस
अजय राय ने साफ कहा कि कांग्रेस किसी दबाव में नहीं झुकेगी। “पार्टी को स्थापित करने के लिए हमें पांच सीटों की जरूरत है। अगर यह नहीं होता है, तो हम किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही प्रचार करेंगे, न ही सहयोग करेंगे।” समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए गाजियाबाद और खैर सीटें छोड़ दी हैं। अगर कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं होती, तो सपा इन सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतार सकती है।
ओवैसी की रणनीति और गठबंधन के समीकरण
ओवैसी की AIMIM पार्टी के यूपी उपचुनाव में उतरने से कांग्रेस और सपा के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। खासकर मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़ रखने वाली ओवैसी की पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को कमजोर कर सकती है। विपक्षी दलों का आरोप है कि ओवैसी की पार्टी BJP को लाभ पहुंचाने के लिए ही चुनाव में हिस्सा ले रही है।
कांग्रेस और सपा के बीच मतभेद
कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे पर सहमति न बनने से गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात पर अड़ी हुई है, जबकि सपा कुछ ही सीटों पर कांग्रेस को मौका देने के पक्ष में है। इस टकराव के चलते उपचुनाव में विपक्ष की एकजुटता पर असर पड़ सकता है, जिससे BJP को फायदा मिल सकता है।
ओवैसी की AIMIM का असर
AIMIM की एंट्री से उपचुनाव में विपक्ष की एकता में और भी दरार पड़ सकती है। ओवैसी की पार्टी यूपी में उन क्षेत्रों में भी चुनाव लड़ने का इरादा रखती है, जहां मुस्लिम वोटर्स की अच्छी संख्या है। इससे कांग्रेस और सपा के वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका है।
BJP के लिए बढ़ता अवसर?
इस उपचुनाव में कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान और AIMIM की एंट्री ने BJP के लिए अवसर बढ़ा दिए हैं। ओवैसी की पार्टी का चुनाव मैदान में उतरना कांग्रेस और सपा के वोट बैंक को बांट सकता है, जिसका सीधा फायदा BJP को हो सकता है।