मध्य प्रदेश

Indore News: प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और उनकी पत्नी रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

Indore News: इंदौर में एक आत्मनिर्भरता प्रशिक्षण संस्थान के निर्देशक और उनकी पत्नी को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह मामला बारवानी के एक स्वयं-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान से जुड़ा है, जहां निदेशक सौजन्या जोशी ने एक महिला से pending बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग की थी।

मामला क्या है?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता पिंकी पवार, जो कि गंगश्याम पवार की पत्नी हैं, बारवानी में माँ वैष्णवी स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। पिंकी ने स्टार सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बारवानी के लिए प्रशिक्षण लेने आने वाले पुरुषों और महिलाओं के भोजन के लिए एक कैंटीन का संचालन किया था।

पिंकी ने 1 जुलाई 2024 से 20 अगस्त 2024 तक प्रदान किए गए भोजन के लिए बिल के रूप में 193167 रुपये की राशि प्रस्तुत की थी। जब उन्होंने निदेशक सौजन्या जोशी से बिलों के भुगतान की बात की, तो जोशी ने 48,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

शिकायत और गिरफ्तारी

पिंकी ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की। इसके बाद, एक योजना के तहत सौजन्या जोशी ने पिंकी को अपने कार्यालय बुलाया और पहले किश्त के रूप में 10,000 रुपये लेने के लिए कहा। इस दौरान उनकी पत्नी जगृति जोशी भी वहाँ मौजूद थीं।

जैसे ही दोनों ने 10,000 रुपये की गड्डी को हाथ में लिया और गिनने लगे, लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। जब सौजन्या जोशी ने यह कहने की कोशिश की कि उन्होंने रिश्वत नहीं ली, तो पुलिस ने उनकी हाथों को धोकर देखा। इस प्रक्रिया में उन पर लगाई गई रसायन की पहचान हुई, जो नोटों पर लगी थी।

Indore News: प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और उनकी पत्नी रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज

पुलिस ने इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। यह घटना प्रदेश में भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं की एक और कड़ी है, जो सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है।

प्रशिक्षण संस्थान की स्थिति

इस तरह के मामले, जहां सरकारी अधिकारी या कर्मचारी व्यक्तिगत लाभ के लिए रिश्वत लेते हैं, समाज में असंतोष और विश्वास की कमी पैदा करते हैं। प्रशिक्षण संस्थानों का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना होता है, लेकिन जब उनके निदेशक ही ऐसे कार्य करते हैं, तो इससे न केवल संस्थान की छवि खराब होती है, बल्कि समाज में भी एक नकारात्मक संदेश जाता है।

महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन

इस मामले में, शिकायतकर्ता पिंकी पवार की स्थिति भी चिंतनीय है। उन्हें न केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ा, बल्कि उन्होंने एक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस भी दिखाया। यह महिलाओं के अधिकारों और उनके आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

समाज में भ्रष्टाचार का प्रभाव

भ्रष्टाचार केवल एक कानूनी समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज के समग्र विकास को प्रभावित करता है। जब सरकारी तंत्र में ऐसे मामले सामने आते हैं, तो आम जनता का विश्वास घटता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है ताकि भविष्य में अन्य लोग इस तरह के कार्यों की सोचने से भी डरें।

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