Indore DFO Suicide: वन मंडल अधिकारी महेंद्र सिंह सोलंकी ने बंगले में की आत्महत्या, परिजन स्तब्ध
मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर में वन मंडल अधिकारी (DFO) महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। फॉरेंसिक जांच के दौरान डीएफओ का मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है। इस घटना से उनके परिवार वाले स्तब्ध हैं।
डेढ़ साल से इंदौर में कार्यरत थे महेंद्र सिंह सोलंकी
महेंद्र सिंह सोलंकी पिछले डेढ़ साल से इंदौर में वन मंडल अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उनके आत्महत्या की सूचना परिवार और पुलिस को उनके नौकरों द्वारा दी गई। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और मामले से संबंधित सबूत इकट्ठा किए।
आखिरी मीटिंग के बाद घर लौटे थे
पुलिस सूत्रों के अनुसार, महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक संभागीय आयुक्त की बैठक में भाग लिया था। इसके बाद वह अपने नवरत्न विहार स्थित बंगले पर लौटे। काफी देर तक उनके कमरे से बाहर न आने पर नौकरों ने पुलिस और परिवार को सूचना दी।
आत्महत्या का कारण अज्ञात
घटना के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो आत्महत्या के कारण का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परिजनों से जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि, परिवार के सदस्यों का कहना है कि महेंद्र सिंह सोलंकी किसी भी प्रकार के तनाव में नहीं थे, जिससे वह इतना बड़ा कदम उठाते।
अगले साल होने वाले थे सेवानिवृत्त
महेंद्र सिंह सोलंकी अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनकी इस आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सोलंकी के सहकर्मियों और परिवारजनों का कहना है कि वह शांत स्वभाव के थे और कभी किसी प्रकार की परेशानी का संकेत नहीं दिया।
पुलिस ने मोबाइल किया जब्त
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस ने सोलंकी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि मोबाइल से किसी महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा हो सकता है। पुलिस उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकालकर जांच करेगी।
परिवार और सहकर्मी सदमे में
सोलंकी के परिवार और सहकर्मी इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि वह हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित रहते थे और किसी भी प्रकार के तनाव में नहीं दिखाई देते थे। इस घटना ने वन विभाग के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी हैरान कर दिया है।
घटनास्थल पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर गहन जांच की। घटनास्थल से मिले साक्ष्यों का अध्ययन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह आत्महत्या के कारणों को स्पष्ट करने के लिए सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
पुलिस जुटा रही परिजनों से जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने सोलंकी के परिजनों से बातचीत की है। परिजनों का कहना है कि सोलंकी सामान्य जीवन जी रहे थे और किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव का अनुभव नहीं कर रहे थे। पुलिस सभी संभावित कारणों की जांच कर रही है, जिसमें व्यक्तिगत, पारिवारिक और कार्य संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
वन विभाग में शोक की लहर
महेंद्र सिंह सोलंकी की आत्महत्या की खबर से वन विभाग में शोक की लहर फैल गई है। उनके सहकर्मी उन्हें एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी के रूप में जानते थे। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सोलंकी का यह कदम अप्रत्याशित है और सभी के लिए गहरा झटका है।
आत्महत्या के पीछे कारण जानने की कोशिश
पुलिस और प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि महेंद्र सिंह सोलंकी ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया। फॉरेंसिक जांच और मोबाइल की कॉल डिटेल्स से इस मामले में कोई सुराग मिलने की उम्मीद है।
महेंद्र सिंह सोलंकी की आत्महत्या ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे वन विभाग और प्रशासनिक हलकों को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है, ताकि इस दुखद घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर तनाव को लेकर जागरूकता बढ़ाना कितना जरूरी है।