Private hospital . मिनर्वा अस्पताल में मरीजों से इलाज के नाम पर की जा रही मनमाना वसूली,शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे प्रबंधक
Rewa.मध्य प्रदेश सरकार ने हालही में एडवाइजरी जारी की थी कि निजी अस्पतालों को मरीजों से इलाज के नाम पर की जा रही मनमाना वसूली से बचना होगा जिसके लिए वह अपने अस्पताल के इलाज की रेट सूची रिसेप्शन पर चस्पा करवाए मगर रीवा में स्थित मिनर्वा अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा जारी की गई सरकारी गाइडलाइन का पालन न करते हुए नियमों को दरकिनार कर लगातार उसकी अवेहलना की जा रही है जिससे आमजन को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और अस्पताल प्रबंधन इलाज कराने आए मरीजों को मनमाना बिल थमाकर लुट रहे हैं।
दरअसल शहर के हृदय स्थल में स्थित मिनर्वा अस्पताल में मुख्य रूप से हार्ट और न्यूरो संबंधी इलाज किए जाते हैं जहां सरकारी अस्पताल में तैनात चिकित्सक अपनी सेवाएं देते हुए अस्पताल से मोटी रकम ले कर जाते हैं। वहीं जिले में इन बीमारियों संबंधित कोई भी सरकारी या प्रायवेट अस्पताल नहीं है क्योंकि सरकारी डॉक्टर तो स्वयं यहीं इलाज करते हैं तो सरकारी दवाखाने के मरीजों पर वह दिलचस्पी क्यों दिखाए ऐसे में तमाम मरीजों को इस तरह से रोग के इलाज के लिए मिनर्वा अस्पताल का ही दरवाजा खटखटाना पड़ता है जिससे अपनी अहमियत को समझते हुए अस्पताल प्रबंधन फिर मरीजों को मनमाना राशि बताकर लूटने का काम करता है।
जानकारी के मुताबिक मिनर्वा अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को कम से कम कुल इलाज के एवज में 10 से 20 लाख रुपए की भरपाई करनी पड़ती है क्योंकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को भर्ती करने के साथ पहले एक घंटे में 1 लाख का चार्ज बनना तय है जिससे वह सरकार को सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को अपने अस्पताल में बुलाकर उनकी मर्जी के मुताबिक रकम अदा कर सके जिसकी खातिर अस्पताल प्रबंधन को प्रति मरीज एक घंटा के हिसाब से एक लाख रूपये का बिल तैयार करना पड़ता है जिससे अस्पताल के अंदर गरीब इंसान की लाश तक से सौदे हो जाते हैं।
बताया जा रहा है कि मिनर्वा अस्पताल प्रबंधन द्वारा निजी अस्पताल को लेकर जो भी गाइडलाइन बनाई गई उन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाना तरीके से अस्पताल का संचालन किया जा रहा है तथा अस्पताल के रिसेप्शन में रेट सूची भी नहीं लगाई गई है जिससे मरीज यह तय कर सके कि वह अपना इलाज इसी अस्पताल में कराए या न कराए।
आपको बता दें बीते दिनों प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों (नर्सिंग होम) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अस्पताल में प्रदायित सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुखता से प्रदर्शित करें तथा निजी चिकित्सालयों में काउंटर पर दर सूची का प्रदर्शन अनिवार्य है। जिससे रोगी या उनके परिवारजन द्वारा मांग करने पर दर सूची दिखाना अस्पताल प्रबंधन का दायित्व भी होगा। इसके अलावा, यदि किसी अस्पताल को दर सूची में संशोधन करना हो, तो इसकी लिखित सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना आवश्यक है। संशोधित दर सूची को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। इसका उद्देश्य रोगियों के अधिकारों की रक्षा करने और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।