सोशल मीडिया पर वायरल हुआ IIIT छात्र की आत्महत्या का मामला, प्रशासन मौन

प्रयागराज स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। बी.टेक छात्र राहुल मंडला, जो तेलंगाना का रहने वाला था, ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, यह दुखद घटना जालवा में स्थित ट्रिपल आईटी कैंपस के हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर घटित हुई। राहुल मंडला, जिनकी उम्र मात्र 20 वर्ष थी, को परीक्षा में असफल होने के कारण गहरी निराशा और डिप्रेशन ने अपनी ओर खींच लिया। इस मामले को लेकर संस्थान प्रशासन ने अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, जिसके चलते यह मामला दबाया गया था। जब अन्य छात्रों ने सोशल मीडिया, विशेषकर इंस्टाग्राम पर इस घटना के बारे में जानकारी साझा करना शुरू किया, तब यह दुखद हकीकत सामने आ गई।
राहुल मंडला: एक निराश और अक्षम छात्र
राहुल मंडला प्रथम वर्ष के बी.टेक इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के छात्र थे। रिपोर्टों के अनुसार, छात्र की मानसिक स्थिति पहले से ही बहुत नाजुक थी। यह भी बताया गया है कि राहुल शारीरिक रूप से दिव्यांग था – वह बधिर और मूक था। उसके बारे में कहा जाता है कि हाल ही में हुए परीक्षा परिणाम ने उसकी मानसिक स्थिति पर और भी नकारात्मक प्रभाव डाला। असफलता और निराशा के चलते राहुल ने रात के करीब 1:30 बजे चुपचाप अपने हॉस्टल की चौथी मंजिल पर जाकर छलांग लगा दी। गिरते ही उसके शरीर में चोटें आईं और वह मौके पर ही दम तोड़ गया। इस घटना से उसके परिवार, दोस्तों और साथी छात्रों में गहरा सदमा उत्पन्न हो गया है।
संस्थान प्रशासन की चुप्पी और जांच की स्थिति
इस दुखद घटना के बाद, IIIT प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर ली है। हालांकि, प्रशासन द्वारा अब तक इस घटना पर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है। कुछ सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी ताकि विश्वविद्यालय की छवि पर असर न पड़े। लेकिन सोशल मीडिया पर छात्र और उनके परिवार वालों द्वारा इस घटना को उजागर करने के बाद अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाए। पुलिस ने भी घटनास्थल का निरीक्षण शुरू कर दिया है और राहुल की मौत के कारणों की जांच तेज कर दी गई है।
समाज में बढ़ता तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रश्नचिन्ह
इस दुखद घटना ने न केवल IIIT, प्रयागराज के छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ा दी है, बल्कि पूरे शैक्षणिक जगत में चिंता की लहर दौड़ गई है। छात्रों में आत्महत्या की घटनाएँ अब एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा के दबाव, प्रतिस्पर्धा और व्यक्तिगत चुनौतियों के कारण छात्रों में डिप्रेशन और मानसिक तनाव तेजी से बढ़ रहा है। इस स्थिति में, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का समुचित ध्यान रखा जा सके। साथ ही, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सहारा प्रणाली की आवश्यकता है ताकि उन्हें उचित मार्गदर्शन और समर्थन मिल सके।
राहुल मंडला की यह दुखद घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। हर छात्र को यह एहसास होना चाहिए कि असफलता जीवन का एक हिस्सा है और समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। परिवार, शिक्षक और समाज का कर्तव्य है कि वे समय पर समर्थन प्रदान करें और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान निकालें। यही समय है जब हमें मिलकर इस सामाजिक मुद्दे से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।