भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ, पीएम मोदी ने निवेशकों को दिया बड़ा संदेश

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य निवेशकों और औद्योगिक घरानों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित करना और राज्य की अपार संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है। हालांकि, पीएम मोदी निर्धारित समय से करीब 30 मिनट देरी से पहुंचे, जिसके लिए उन्होंने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों से क्षमा मांगी।
पीएम मोदी ने बताया कि उनकी देरी का कारण 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा थी। उन्होंने कहा, “मेरा राजभवन से निकलने का समय और बच्चों का परीक्षा केंद्र के लिए निकलने का समय एक ही था। मैं नहीं चाहता था कि बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा हो। इसीलिए मैंने 15-20 मिनट देरी से प्रस्थान किया, ताकि छात्र बिना किसी परेशानी के परीक्षा केंद्र पहुंच सकें।”
आज 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा है। मेरा राज भवन से निकलने और बच्चों के परीक्षा के लिए निकलने का समय एक ही था, बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, बच्चे बिना कठिनाई के परीक्षा केन्द्र पहुंच जाएं; यही कारण है कि मैं राजभवन से ही कुछ विलंब से निकला।
– आदरणीय… pic.twitter.com/87xikqVXr6
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 24, 2025
भारत बना रहेगा सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने विश्व बैंक की हालिया ‘ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को दर्शाती है।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत आज दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से बढ़ रहा है। यह सिर्फ हमारी सरकार की नीतियों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि नियामक आयोग (Regulatory Commission) राज्यों में निवेश को आसान बनाने के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करेगा। भारत अब वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के लिए एक प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) के रूप में उभर रहा है, जो देश की औद्योगिक क्षमता को प्रदर्शित करता है।
टेक्सटाइल, पर्यटन और तकनीकी क्षेत्र में करोड़ों रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में टेक्सटाइल, पर्यटन और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में करोड़ों नौकरियों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं हैं और राज्य की सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री विश्वभर में प्रसिद्ध है। हम इस क्षेत्र में नए निवेश आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा, भारत की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन क्षेत्र में भी रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे।”
‘डबल इंजन’ सरकार से तेजी से हो रहा विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार राज्य में विकास की गति को दोगुना कर रही है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र और राज्य सरकार एक साथ काम करती हैं, तो योजनाओं का लाभ तेजी से जनता तक पहुंचता है।
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश आज देश के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में से एक है। राज्य सरकार की नीतियां निवेश को आकर्षित करने में सहायक हैं और इससे राज्य में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई मिलेगी।”
पीएम मोदी ने इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार की 18 नई नीतियों का भी अनावरण किया, जो बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए बनाई गई हैं। इन नीतियों का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के लिए राज्य को एक अनुकूल गंतव्य बनाना है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में मध्य प्रदेश का बड़ा योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि मध्य प्रदेश भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्रांति लाने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रही है। भारत भी इस क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।”
स्वास्थ्य और वेलनेस सेक्टर में अपार संभावनाएं
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के स्वास्थ्य और वेलनेस सेक्टर में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद और योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।
उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया भारतीय आयुर्वेद, योग और पारंपरिक चिकित्सा को अपनाने लगी है। यह हमारे लिए गर्व की बात है और इससे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।”
मध्य प्रदेश में निवेश क्यों है फायदेमंद?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि मध्य प्रदेश निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्यों में से एक क्यों है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- स्ट्रेटेजिक लोकेशन: मध्य प्रदेश देश के केंद्र में स्थित है, जिससे यह देशभर में व्यापार के लिए एक प्रमुख हब बन सकता है।
- बेहतर बुनियादी ढांचा: राज्य में तेजी से विकसित होते औद्योगिक क्षेत्रों, एक्सप्रेसवे, रेलवे और एयर कनेक्टिविटी के कारण निवेशकों को सुगम परिवहन सुविधा मिलती है।
- सस्ती और कुशल श्रमिक शक्ति: राज्य में श्रमिकों की उपलब्धता अधिक है, जो उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता: मध्य प्रदेश खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिससे उद्योगों को कच्चे माल की उपलब्धता आसान होती है।
निवेशकों के लिए सरकार की योजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025: इस नीति के तहत निवेशकों को विभिन्न करों में छूट और सब्सिडी दी जाएगी।
- स्टार्टअप प्रमोशन स्कीम: नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता और मेंटरशिप दी जाएगी।
- लॉजिस्टिक हब डेवलपमेंट स्कीम: राज्य में लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग सेक्टर को मजबूती देने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
- ई-गवर्नेंस पोर्टल: निवेशकों को सभी सरकारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया गया है।
समाप्ति: एमपी इन्वेस्टर्स समिट का क्या प्रभाव होगा?
‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ का आयोजन मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस समिट से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, “मध्य प्रदेश निवेशकों के लिए स्वर्णिम अवसर लेकर आया है। मैं सभी उद्योगपतियों से आग्रह करता हूं कि वे यहां निवेश करें और राज्य के विकास में भागीदार बनें।”
इस समिट से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश भारत के औद्योगिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।