मध्य प्रदेश

देवास में एक ही परिवार के चार लोगों ने खाया ज़हर, मौत की रहस्यमयी वजह बनी पहेली

मध्यप्रदेश के देवास जिले से एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ही परिवार के चार लोगों ने एक साथ ज़हर खा लिया। पति राधेश्याम, पत्नी रंगुबाई और बड़ी बेटी आशाबाई की मौत हो चुकी है। वहीं उनकी 15 साल की छोटी बेटी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे गंभीर हालत में इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल इस सामूहिक आत्महत्या के पीछे का कारण साफ़ नहीं हो पाया है लेकिन पुलिस को आशंका है कि यह कदम किसी पारिवारिक विवाद के चलते उठाया गया है।

रात में पिया ज़हर, एक-एक कर टूट गईं सांसें

यह घटना देवास के धोबगट्टा गांव की है। 21 जून की रात करीब साढ़े दस बजे परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ कीटनाशक पी लिया। सबसे पहले राधेश्याम की तबीयत बिगड़ी और 22 जून की रात एक बजे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार को सौंप दिया। लेकिन इसके बाद भी हालात और बिगड़ते चले गए। 23 जून को दोपहर तीन बजे रंगुबाई की भी मौत हो गई और उसके कुछ देर बाद बेटी आशाबाई ने भी दम तोड़ दिया। छोटी बेटी की हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज जारी है।

देवास में एक ही परिवार के चार लोगों ने खाया ज़हर, मौत की रहस्यमयी वजह बनी पहेली

क्या है इस आत्महत्या की वजह?

पुलिस को अब तक इस बात का कोई ठोस कारण नहीं मिल पाया है कि आखिर इस पूरे परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में यह अंदेशा जताया गया है कि परिवार में कोई आपसी कलह या घरेलू विवाद रहा होगा, जिसकी वजह से यह कदम उठाया गया। लेकिन न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही अभी तक किसी ने परिवार में गंभीर विवाद की बात कही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और छोटी बेटी के होश में आने के बाद ही शायद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।

तीन शवों का पोस्टमार्टम आज होगा

राधेश्याम का पोस्टमार्टम पहले ही कर लिया गया था। अब रंगुबाई और आशाबाई की लाशों का आज पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। कोई यकीन नहीं कर पा रहा कि शांत स्वभाव वाले इस परिवार ने इतना बड़ा और खौफनाक फैसला कैसे ले लिया। छोटी बेटी की जान बचाने की कोशिश की जा रही है ताकि वह होश में आकर सच बता सके। पूरे गांव में गम का माहौल है और हर कोई यही कह रहा है कि काश परिवार ने इस रास्ते को नहीं चुना होता।

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