उत्तर प्रदेश

धोखे से शादी, जबरन धर्म परिवर्तन और रेप: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों ठुकराई समझौते की दलील?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धर्म परिवर्तन केवल सच्चे दिल और आस्था से ही हो सकता है। अगर किसी के साथ धोखे, दबाव या जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन कराया गया है, तो वह गैरकानूनी और गंभीर अपराध माना जाएगा। ऐसे मामलों में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता।

सच्चे दिल से इस्लाम कबूलना ही असली धर्म परिवर्तन

न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने कहा कि इस्लाम में धर्म परिवर्तन तभी वैध माना जाएगा जब कोई वयस्क व्यक्ति खुद की मर्जी से, साफ दिल से और बिना किसी लालच या डर के पैगंबर हजरत मोहम्मद में आस्था रखे। उसे इस्लाम के सिद्धांतों से प्रभावित होकर पूरी ईमानदारी के साथ धर्म स्वीकार करना होगा। अदालत ने यह भी कहा कि अल्लाह को सच्चे दिल से अपने अंदर बसाना चाहिए और पैगंबर मोहम्मद के सिद्धांतों में पूरी तरह विश्वास होना चाहिए।

धोखे से शादी, जबरन धर्म परिवर्तन और रेप: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों ठुकराई समझौते की दलील?

झूठ और जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन अपराध, कोर्ट ने दी कड़ी टिप्पणी

अदालत ने एक आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि झूठ बोलकर, बलात्कार कर या शादी का झांसा देकर कराया गया धर्म परिवर्तन कानूनी रूप से गलत है। इस तरह के अपराध को कोर्ट ने गंभीर मानते हुए कहा कि किसी महिला का शरीर उसका मंदिर होता है और उसकी पवित्रता को हिलाया नहीं जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि बलात्कार की घटनाएं जीवन की गरिमा को कुचल देती हैं और इसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

रामपुर का मामला, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी की याचिका

यह मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के स्वार थाना क्षेत्र से जुड़ा है। आरोपी तौफीक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केस रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में तौफीक के साले मोहम्मद अयान पर आरोप है कि उसने राहुल नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और लड़की को प्रेमजाल में फंसा लिया। बाद में जब लड़की को पता चला कि राहुल असल में अयान है, तब उसने शिकायत दर्ज कराई। 7 जून 2021 को इस मामले में अयान, तौफीक और रियाज के खिलाफ रेप और जबरन धर्म परिवर्तन का मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, बाद में लड़की ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और किसी के दबाव में एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने कोर्ट से केस खत्म करने की अपील भी की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नकारते हुए कहा कि इस मामले में समझौते का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह धर्म परिवर्तन आस्था से नहीं, बल्कि शादी को आधार बनाकर या बचने के लिए किया गया था, जो बिल्कुल गलत है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d