Fatehpur Double Murder: बंटवारे की खातिर बही खून की नदियाँ
फतेहपुर जिले में एक बार फिर से पांच भाइयों के परिवार में दरार आ गई है। फतेहपुर टेकरी गांव में, पिता प्रेम नारायण तिवारी की हत्या उनके छोटे बेटे शिवम द्वारा एक साल पहले डंडे से पीटकर की गई थी। पुलिस ने उसे अनजाने में हत्या के आरोप में जेल भेजा था, लेकिन अब वह जमानत पर बाहर है। अब इस ही परिवार में एक और भयानक घटना घटित हुई है, जिसमें भाइयों ने अपने ही भाई धर्मेंद्र और भाभी रोली की हत्या कर दी।
पारिवारिक विवाद का जहर
शिवम, जिसने अपने पिता की हत्या की थी, मुंबई में रहता है। उसने एक दूसरी जाति की महिला से विवाह किया था, जिससे उसके पिता नाराज थे। जब शिवम ने संपत्ति में अपने हिस्से की मांग की, तो पिता ने उसे ठुकरा दिया। इसी गुस्से में आकर उसने अपने पिता की हत्या कर दी।
गांववालों के अनुसार, हर परिवार में खेतों और संपत्ति को लेकर झगड़े होते हैं, लेकिन इस परिवार की स्थिति तो मानो एक आपदा बन गई है। शिवम पर पिता की हत्या का आरोप लगा, और अब उसके भाइयों शभम, बंडी, मां कृष्णावती, बहनों सोनी और नीलम और दामाद बाबू पर धर्मेंद्र और रोली की हत्या का आरोप लगा है।
बंडी का आतंक
बंडी, जो संपत्ति पर पूरा नियंत्रण रखता था, अक्सर यह कहता था कि वह किसी भी हालत में भाइयों को संपत्ति पर नहीं बैठने देगा, चाहे उसके लिए उसे हत्या भी क्यों न करनी पड़े। यह बात सच साबित हुई जब उसने अपने भाई और भाभी पर हत्या के इरादे से हमला किया।
गांववाले उसे ‘कुल्हाड़ीवाला’ कहते थे। बंडी की आक्रामक प्रवृत्ति और छोटी-छोटी बातों पर कुल्हाड़ी लाने की आदत ने गांववालों में आतंक पैदा कर दिया था। बंडी ने दिनदहाड़े अपने भाई धर्मेंद्र और भाभी रोली पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।
हत्या का कांड
गवाहों के अनुसार, धर्मेंद्र और रोली घर से बाहर निकलकर बहस कर रहे थे। बंडी ने पीछे से आकर कुल्हाड़ी से हमला किया। धर्मेंद्र ने भागने की कोशिश की, लेकिन बंडी ने उसे पकड़ लिया और जमीन पर गिराकर कई बार कुल्हाड़ी से वार किया। धर्मेंद्र मौके पर ही मौत हो गई। रोली ने जब अपने पति पर हमला होते देखा, तो वह मदद के लिए चीखी, लेकिन बंडी और उसके भाइयों ने उस पर भी हमला कर दिया। उसकी भी हालत गंभीर हो गई और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
परिवार का क्रोध
घटना के बाद रोली को पहले हैथगाम सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे हार्दोन सीएचसी में भेजा गया। धर्मेंद्र के पिता शशि प्रकाश और अन्य परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे। उन्हें यकीन था कि उनकी बेटी जीवित है, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि रोली की भी मृत्यु हो गई, परिवार का धैर्य टूट गया। पुलिस ने क्रिश्नावती को पकड़ने के लिए उनके घर में घुस गई थी, जिससे परिवार के सदस्य और भी उग्र हो गए थे।
भय और चुप्पी
घटना के दौरान, गांव के लोगों ने बंडी के आतंक के कारण चुप्पी साधे रखी। जब तक शव को नहीं ले जाया गया, तब तक कई ग्रामीणों ने पुलिस के सामने कुछ नहीं कहा। बाद में, कुछ गांववालों ने घटना के बारे में जानकारी दी।
जांच और गिरफ्तारी
पुलिस ने राक्षसी वारदात के बाद बंडी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की हैं। धर्मेंद्र के ससुर शशि द्विवेदी ने अपनी बहू की हत्या के लिए बंडी, शिवम, और उनकी बहनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि छोटे भाई ने अपने भाई और भाभी पर हमला किया और उन्हें मारा।
संपत्ति का विवाद
इस परिवार में 16 बीघा खेत, 10 बीघा बगीचा, और एक बड़ा पुश्तैनी घर है। भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। बंडी के भयानक व्यवहार ने गांववालों को डरा दिया था। गांववाले बंडी को ‘कुल्हाड़ीवाला’ कहकर पुकारते थे, लेकिन डर के मारे वे पुलिस के सामने भी कुछ नहीं कह पाते थे।