मध्य प्रदेश

sidhi news:सीधी में फर्जी थानेदार अनारकली गिरफ्तार, सरकारी नौकरी का वादा करके ठगी की थी 70,000 रुपये

Dainikmediaauditor.सीधी जिले का नाम जितना साधारण लगता है, वहां की घटनाएं उतनी ही चौकाने वाली और दिलचस्प होती हैं। ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं, जिनकी वजह से यह जिला सुर्खियों में बना रहता है। हाल ही में यहां एक महिला ने खुद को सीधी जिले के जमोदी थाना की सब इंस्पेक्टर बताकर एक अन्य महिला से सरकारी नौकरी दिलवाने का वादा किया और 70,000 रुपये की ठगी की। इस घटना के बाद जब महिला को नौकरी नहीं मिली और वह संदेह करने लगी, तो उसने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में की। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने फर्जी थानेदार अनारकली को गिरफ्तार कर लिया।

सरकारी नौकरी का वादा करके की 70,000 रुपये की ठगी

शांति सकेत नाम की महिला, जो गांव तेंदुआ के जमोदी थाना क्षेत्र की निवासी है, को इस ठगी का शिकार होना पड़ा। शांति के मुताबिक, 8 जुलाई को वह गांधी चौक में अनारकली से मिली थी। बातचीत के दौरान अनारकली ने शांति से पूछा कि क्या वह झाड़ू-पोछा करने का काम कर सकती है। शांति ने हां कहा, तो अनारकली ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उसे इस काम के बदले सरकारी नौकरी दिलवाएगी।

शांति को अनारकली के शब्दों पर यकीन हो गया और वह उसके साथ सिटी के एक किराए के घर में चली गई। वहां अनारकली ने अपना नाम अनारकली उर्फ रेखा सकेत बताया और कहा, “मैं जमोदी पुलिस स्टेशन में थाना प्रभारी हूं। वहां एक महिला सफाई कर्मचारी रिटायर होने वाली है। मैं तुम्हें उसकी जगह नौकरी दिलवाऊंगी, इसके लिए तुम्हें 70,000 रुपये देने होंगे।” शांति ने नौकरी की लालच में आकर बिना किसी संदेह के 70,000 रुपये अनारकली को दे दिए।

पुलिस की जांच में फर्जीथानेदार का राज हुआ उजागर

शांति को पूरा विश्वास हो गया कि अब उसे सरकारी नौकरी मिलेगी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, नौकरी मिलने का कोई संकेत नहीं मिला। जब शांति को पूरी बात पर संदेह होने लगा और वह समझने लगी कि शायद उसे ठगा जा रहा है, तो उसने कोतवाली पुलिस स्टेशन में शिकायत की। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और फर्जी थाना प्रभारी अनारकली के बारे में सच्चाई सामने आ गई।

पुलिस की जांच में यह पाया गया कि अनारकली ने न केवल खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया था, बल्कि उसके पास थानेदार की वर्दी और अन्य पुलिस संबंधित सामग्री भी बरामद हुई। इसके बाद पुलिस ने अनारकली उर्फ रेखा सकेत को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।

सिडी में फर्जी थानेदार अनारकली गिरफ्तार, सरकारी नौकरी का वादा करके ठगी की थी 70,000 रुपये

पुलिस ने की गिरफ्तारी और मामले की जांच जारी

इस पूरे मामले पर सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी अभिषेक उपाध्याय ने बताया कि शांति सकेत की शिकायत पर जांच की गई और फर्जी सब इंस्पेक्टर अनारकली उर्फ रेखा सकेत को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अनारकली से थानेदार की वर्दी और अन्य सामग्री भी जब्त की है। इस महिला के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और अब पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। फर्जी लोग सरकारी अधिकारियों के रूप में लोगों से ठगी करते हैं, जिससे आम जनता का विश्वास टूटता है और उन्हें नुकसान होता है। पुलिस ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रही है, ताकि समाज में इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाएं न हों।

सरकारी नौकरी की उम्मीद में लोग करते हैं ठगी का शिकार

सरकारी नौकरी को लेकर समाज में एक विशेष आकर्षण है। कई लोग अपनी जिंदगी में एक स्थिर और सम्मानजनक नौकरी पाने के लिए सालों मेहनत करते हैं। ऐसे में कुछ लोग इसी लालच का फायदा उठाकर लोगों से ठगी करने का मौका नहीं छोड़ते। यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग दूसरों की उम्मीदों और मेहनत का गलत फायदा उठाकर उन्हें धोखा देते हैं।

पुलिस की सक्रियता से ठगी करने वाली महिला को मिला दंड

पुलिस की सक्रियता और समय पर कार्रवाई ने इस ठगी को उजागर किया और आरोपी महिला को सलाखों के पीछे भेजा। अब सवाल यह उठता है कि इस घटना से कितने और लोग प्रभावित हुए होंगे, क्योंकि अनारकली जैसी फर्जी पुलिस अधिकारी लोगों के बीच भ्रम फैला सकती थी। इस मामले में पुलिस द्वारा उठाए गए कदम से समाज में जागरूकता फैलेगी और भविष्य में इस तरह की ठगी को रोका जा सकेगा।

यह घटना यह बताती है कि हमें कभी भी किसी के वादों पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए। किसी भी प्रकार के सरकारी काम के लिए वैध दस्तावेजों और प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। जब तक किसी व्यक्ति को किसी सरकारी विभाग से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिलती, तब तक उसे किसी के द्वारा दिए गए वादों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। पुलिस प्रशासन को इस तरह के मामलों पर लगातार कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है, ताकि और लोग इस तरह की ठगी का शिकार न हो सकें।

साथ ही, लोगों को भी अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग और जागरूक रहना चाहिए। किसी भी धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए ताकि अपराधियों को दंडित किया जा सके और समाज में न्याय की भावना बनी रहे।

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