Draupadi Murmu Chhattisgarh Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का छत्तीसगढ़ दौरा, जनजातीय संस्कृति का सम्मान
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में छत्तीसगढ़ का दौरा किया, जहाँ उन्होंने राज्य की संस्कृति, परंपराओं और लोगों के प्रति अपने विशेष स्नेह का प्रदर्शन किया। उनके इस दौरे का मुख्य आकर्षण महाप्रभु भगवान जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करना और वहाँ मौजूद जनजातीय समुदाय के सदस्यों से मिलना था। यह दौरा न केवल राज्य की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करता है, बल्कि राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में जनजातीय मुद्दों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
महाप्रभु भगवान जगन्नाथ मंदिर में पूजा
दौरे के दूसरे दिन, राष्ट्रपति मुर्मू ने रायपुर के गायत्री नगर स्थित महाप्रभु भगवान जगन्नाथ मंदिर में जाकर पूजा की। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों की खुशी, समृद्धि और निरंतर प्रगति के लिए आशीर्वाद मांगा। राष्ट्रपति ने जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्यों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री टोकहन साहू, सांसद ब्रिजमोहन अग्रवाल, विधायक पूरंदर मिश्रा और मंदिर समिति के अधिकारी भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ की पहचान के उपहार
राष्ट्रपति मुर्मू के छत्तीसगढ़ दौरे के अंतिम दिन उन्हें राजभवन में एक सम्मानजनक विदाई दी गई। राज्यपाल रमेन डेका ने राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ की पहचान का प्रतीक, बेल धातु से बना एक उपहार और विश्व प्रसिद्ध कोसा साड़ी भेंट की। राष्ट्रपति ने भी राज्यपाल को राष्ट्रपति भवन का लकड़ी का प्रतिकृति उपहार में दिया। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी भी उपस्थित थीं।
IIT भिलाई में समारोह
राष्ट्रपति मुर्मू ने IIT भिलाई में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहाँ उन्होंने भिलाई के तीसरे और चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस समारोह में राष्ट्रपति ने सात छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए और 2023 एवं 2024 के लिए 396 छात्रों को डिग्री प्रदान की। इस अवसर पर 13 पीएचडी, 11 MSc, 27 MTech, 13 BTech (Hons) और 123 BTech स्नातकों को सम्मानित किया गया।
जनजातीय समुदाय की गरिमा
छत्तीसगढ़ के लोगों, विशेष रूप से जनजातीय समुदाय के सदस्यों ने राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति गर्व महसूस किया। जब राष्ट्रपति ने सुरगुजा ब्लॉक का उद्घाटन किया और “महतारी वंदन” की नौवीं किस्त का ट्रांसफर किया, तब छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय ने अपनी संस्कृति को प्रदर्शित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जनजातीय समुदाय की जीवनशैली, खानपान, लोक नृत्य, लोक संगीत, कला, रीति-रिवाज और अन्य परंपराओं को संरक्षित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है।
राष्ट्रपति की जनजातीय संस्कृति पर पुस्तकें
राष्ट्रपति मुर्मू ने नव रायपुर के ‘पुर्खौती मुक्तांगन’ में आयोजित कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति और महिलाओं के सशक्तीकरण पर केंद्रित तीन पुस्तकों का विमोचन किया। ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ सरकार के जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित की गई थीं। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को इन पुस्तकों की पहली प्रतियां ससम्मान भेंट की।
राष्ट्रपति का आभार
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान राजभवन में मिली आतिथ्य का धन्यवाद किया। उन्होंने राज्यपाल रमेन डेका और पहली महिला रानी डेका काकोटी के प्रति आभार व्यक्त किया और राजभवन परिवार के साथ एक समूह फोटो भी खींचवाया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
दौरे के दौरान, राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदाय के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य और संगीत का आनंद लिया। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उनके सामने छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का चित्रण किया। राष्ट्रपति ने इस परंपरा की सराहना की और कहा कि यह दर्शाता है कि किस प्रकार छत्तीसगढ़ का जनजातीय समाज अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं को बनाए रखता है।