Bhopal: ‘दुनिया की भागदौड़ में अल्लाह के हुक्म को मत भूलो,’ पंजाब के शाही इमाम उस्मान लुधियानवी का बयान
पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी ने भोपाल में एक दिवसीय दौरे के दौरान धार्मिक आयोजनों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने शहर के विभिन्न स्थानों पर धार्मिक सभाओं में अपनी बात रखी। अपने भाषण में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें अल्लाह और उनके प्यारे नबी के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर जीवन व्यतीत करना चाहिए। मौलाना ने पुरुषों और महिलाओं के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया, साथ ही कुछ व्यक्तिगत मुलाकातें भी कीं।
महिलाओं की सभा में संबोधन
मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी ने राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में महिलाओं की सभा को संबोधित किया। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि मुस्लिम महिलाओं ने इस्लाम की प्रगति और सुरक्षा में हर युग में अद्वितीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस्लामी इतिहास ऐसे महिलाओं की कहानियों से भरा हुआ है, जिन्होंने न केवल अपने घर और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाया, बल्कि समाज और उम्माह के लिए उत्कृष्ट उदाहरण भी पेश किए।
जीवन का असली उद्देश्य समझें
शाही इमाम साहब ने केंद्रीय पुस्तकालय मैदान में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन का असली उद्देश्य केवल दुनिया की जरूरतों को पूरा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य हमारी जीवन की जरूरतों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए हमें अस्थायी जरूरतों के पीछे अपने जीवन के उद्देश्य को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों का असली उद्देश्य अल्लाह और उनके नबी की आज्ञा का पालन करना है। शाही इमाम साहब ने अपने भाषण को इस महत्वपूर्ण संदेश के साथ समाप्त किया और अंत में मुसलमानों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए प्रार्थना की कि वे अपने धर्म पर दृढ़ रहें।
कार्यक्रम में अन्य उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में तरजुमा वाली मस्जिद के मौलाना मोहम्मद अहमद और केंद्रीय विधायक आरिफ मसूद भी उपस्थित थे। इस मौके पर नायब शहर काजी मौलाना अली कादर ने कहा कि यह कार्यक्रम भोपाल की महिलाओं में एक नई जागरूकता और इस्लामी ज्ञान का बीज बोने का कार्य कर रहा है। जिससे उन्हें अपने चरित्र और इस्लामी शिक्षाओं पर गर्व महसूस हुआ।
समुदाय में उत्साह
पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी की शहर में आगमन को लेकर मुस्लिम समुदाय में उत्साह देखा गया। लोग रेलवे स्टेशन, कार्यक्रम स्थल और उनके ठहरने के स्थानों पर उन्हें देखने और उनसे मिलने के लिए पहुंचे। लोगों ने मौलाना के साथ हाथ मिलाने या उनसे मिलने का प्रयास किया।
इस्लामिक शिक्षा पर ध्यान
मौलाना उस्मान लुधियानवी ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामिक शिक्षा और मूल्यों को समझना और उनके अनुसार जीना न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह समाज के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे अपने बच्चों को इस्लाम की सही शिक्षा दें और उन्हें धार्मिक मूल्यों से अवगत कराएं।
धार्मिकता का संदेश
उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब दुनिया की भागदौड़ बढ़ती जा रही है, ऐसे में हमें अपने धर्म को प्राथमिकता देनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि असली खुशी और संतोष केवल अल्लाह की इबादत और उनके रास्ते पर चलने में है।
सभा में उपस्थित महिलाओं का उत्साह
महिलाओं की सभा में शामिल होने वाली महिलाओं ने मौलाना की बातों को सुनकर प्रेरणा प्राप्त की। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि होती है, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक होने का भी अवसर मिलता है।
भविष्य की योजना
मौलाना उस्मान लुधियानवी ने कहा कि वह भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे ताकि मुस्लिम समुदाय को इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं से अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
समापन प्रार्थना
अपने कार्यक्रम के अंत में मौलाना ने सभी उपस्थित लोगों के साथ मिलकर प्रार्थना की कि अल्लाह हमें सही मार्ग पर चलने की ताकत प्रदान करे और हमें अपने धर्म की सच्ची पहचान देने में मदद करे। उन्होंने कहा कि इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है और हमें इसे सही तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।
समुदाय में एकता का संदेश
मौलाना उस्मान लुधियानवी ने समुदाय में एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर इस्लाम के मूल्यों का पालन करना चाहिए और समाज में प्रेम और सद्भावना फैलाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज की प्रगति केवल तब ही संभव है जब हम सभी एकजुट होकर काम करें।