दिग्विजय सिंह ने ट्रंप पर साधा निशाना, कहा भारत-पाक के मामलों में हस्तक्षेप क्यों?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हाल ही में दिंडोरी जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। खासकर भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सीजफायर की घोषणा को लेकर उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला किया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ट्रंप बार-बार इस सीजफायर के लिए खुद को क्रेडिट देने की कोशिश कर रहे हैं, जो देश के आंतरिक मामलों में बेवजह की दखलअंदाजी है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में अमेरिका को दखल देने की क्या जरूरत है। उनका मानना था कि विदेशी नेता भारत के राष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं करें।
जब मीडिया ने हाल ही में सिंगापुर में दिए गए भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के बयान पर दिग्विजय सिंह से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब देने से बचते हुए कहा कि इस मामले पर वह कुछ कहना नहीं चाहते। उनकी टोन से यह साफ था कि वे ट्रंप जैसे विदेश नेता की विदेशी नीति और रक्षा मामलों में दखल को सही नहीं मानते। यह भी संकेत मिला कि वे इस विषय पर खुलकर बयान देने से बचना चाहते थे, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत के आंतरिक और रक्षा मामलों में विदेशी हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
दिंडोरी के बायगा आदिवासियों के साथ हुआ संवाद
दिग्विजय सिंह का दौरा केवल विदेश मामलों तक सीमित नहीं था। उन्होंने दिंडोरी जिले के बाजाग तहसील में प्रस्तावित बॉक्साइट खनन परियोजना का विरोध कर रहे बायगा आदिवासियों से मुलाकात की। स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनने के बाद उन्होंने कहा कि यह खनन परियोजना आदिवासियों के अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी जमीनों को संदेहास्पद तरीके से खरीदा और बेचा गया है, जिससे आदिवासी समुदाय को भारी नुकसान हो रहा है। दिग्विजय ने कहा कि इस प्रकार की जमीनों का दुरुपयोग आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक हितों के लिए खतरा है।
भाजपा विधायक संजय पाठक पर आरोप और जमीन विवाद
दिग्विजय सिंह ने इस मामले में भाजपा विधायक संजय पाठक को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि संजय पाठक की कंपनी को बॉक्साइट खनन की अनुमति मिली है और इस प्रक्रिया में कटनी जिले के आदिवासी इलाकों की जमीन को कम कीमतों पर खरीदने का काम हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों पर आदिवासी जमीन को धोखाधड़ी और दबाव के जरिए जबरन हड़प लिया गया है। दिग्विजय ने कहा कि यह पूरी जमीन की खरीद-फरोख्त आदिवासियों के खिलाफ है और इससे उनकी पारंपरिक जीवनशैली और अस्तित्व को गंभीर खतरा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वे आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करें और इस तरह की अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई करें।