मध्य प्रदेश

धीरेंद्र शास्त्री का इल्तिजा मुफ़्ती पर गुस्सा, ‘हिंदुत्व’ को बीमारी कहने पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने हाल ही में हिंदुत्व को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उन्होंने राजनीतिक और धार्मिक समुदाय में हलचल मचा दी। इल्तिजा ने हिंदुत्व को ‘घृणा की विचारधारा’ और ‘बीमारी’ करार दिया। उनके इस बयान को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि हिंदुत्व न तो बीमारी है, बल्कि यह दुनिया के लिए एक औषधि है।

धीरेंद्र शास्त्री ने इल्तिजा को दी कड़ी चेतावनी

बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान में कहा, “इल्तिजा मुफ़्ती का हिंदुत्व पर दिया गया बयान बहुत ही हास्यास्पद है। उन्हें अपनी मानसिकता का इलाज कराना चाहिए। उन्हें मानसिक अस्पताल जाना चाहिए और उनका इलाज होना चाहिए। हिंदुत्व इस देश और दुनिया के लिए एक औषधि है। हिंदुत्व वह है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की बात करता है। हिंदुत्व वह है जो हर इंसान में राम और नारायण देखता है। हिंदुत्व वह है जो अपनी बेटी में गोरेपन को देखता है। ऐसे लोग जो अपने चाचों और पिताओं से शादी करते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। इल्तिजा मुफ़्ती को कोई शर्म नहीं है, वे दिल से मूर्ख हैं।”

हिंदुत्व पर इल्तिजा मुफ़्ती के विवादित बयान का विवरण

इल्तिजा मुफ़्ती ने हिंदुत्व को ‘घृणा की विचारधारा’ बताते हुए कहा था, “हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व एक घृणा की विचारधारा है, जिसे वीर सावरकर ने 1940 के दशक में भारत में फैलाया। इसका उद्देश्य हिंदुओं की श्रेष्ठता स्थापित करना था और यह विचारधारा यह मानती थी कि भारत हिंदुओं का है और सिर्फ हिंदुओं के लिए है।”
इल्तिजा ने आगे कहा, “इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी एक धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और सहानुभूति को बढ़ावा देता है। इसलिए हमें इसे जानबूझकर विकृत नहीं करना चाहिए। ‘जय श्री राम’ का नारा ‘रामराज्य’ से नहीं जुड़ा है, बल्कि इसे lynching (पीट-पीट कर मार डालने) से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। यह बहुत शर्मनाक है कि हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है। मैं हिंदुत्व की आलोचना करती हूं क्योंकि यह एक बीमारी है।”

धीरेंद्र शास्त्री का इल्तिजा मुफ़्ती पर गुस्सा, 'हिंदुत्व' को बीमारी कहने पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

बीजेपी ने किया बयान की आलोचना

इल्तिजा के बयान के बाद राजनीति में भी हलचल मच गई और जम्मू बीजेपी ने उनकी कड़ी आलोचना की। जम्मू बीजेपी के नेता रविंदर रैना ने कहा, “पीडीपी नेता ने बहुत ही आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। ऐसी भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए। राजनीति में भले ही मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ़्ती को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।”

धीरेंद्र शास्त्री का हिंदुत्व पर गहरा विश्वास

धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुत्व को लेकर अपनी बात को विस्तार से स्पष्ट करते हुए कहा कि हिंदुत्व न केवल एक जीवन जीने का तरीका है, बल्कि यह दुनिया में एकता और सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हिंदुत्व वह विचारधारा है जो हर मानवता में दिव्यता देखती है। यह एकता की विचारधारा है और इससे ही समाज में समरसता कायम रहती है। हिंदुत्व वह विचारधारा है जो सभी के भले के लिए काम करती है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो।”

हिंदुत्व को लेकर बढ़ती विवादों की श्रृंखला

इस बयान के बाद हिंदुत्व को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। यह पहला मामला नहीं है, जब हिंदुत्व को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है। कई नेता और बुद्धिजीवी पहले भी हिंदुत्व को लेकर अपनी राय रखते आए हैं, लेकिन इल्तिजा मुफ़्ती के बयान ने इसे और भी तूल दे दिया है। हालांकि, धर्म और राजनीति से जुड़ी इस तरह की विवादित बयानबाजी राजनीति में अक्सर देखने को मिलती है।

बीजेपी और पीडीपी के बीच बढ़ा विवाद

यह पूरा मामला बीजेपी और पीडीपी के बीच एक और संघर्ष का रूप लेता जा रहा है। पीडीपी और बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति अक्सर छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में देखने को मिलती है। बीजेपी ने जहां इल्तिजा मुफ़्ती के बयान की कड़ी आलोचना की है, वहीं पीडीपी इस बयान को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा मानती है। इस बयान ने जम्मू और कश्मीर में एक नए राजनीतिक वाद-विवाद को जन्म दिया है, जो आने वाले दिनों में और भी तेज हो सकता है।

इल्तिजा मुफ़्ती की आलोचना और आगामी कार्रवाई

अब देखना यह होगा कि इल्तिजा मुफ़्ती अपने बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं और क्या वह अपने बयान पर माफी मांगती हैं। साथ ही, बीजेपी और पीडीपी के बीच इस तरह के विवादों का राजनीतिक असर क्या होता है। क्या यह बयान उनकी राजनीतिक स्थिति को नुकसान पहुंचाएगा या फिर वे इसे अपने पक्ष में बदलने में सफल होंगी, यह भविष्य में देखा जाएगा।

यह विवाद हिंदुत्व को लेकर होने वाली बहस को और गहरा करता है, जिसमें एक तरफ वे लोग हैं जो इसे एक जीवनशैली और समाज की एकता के लिए जरूरी मानते हैं, तो दूसरी ओर वे लोग हैं जो इसे राजनीति और घृणा की विचारधारा के रूप में देखते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया है कि धार्मिक और राजनीतिक मुद्दे हमारे समाज में किस तरह से एकजुटता और विभाजन दोनों का कारण बन सकते हैं।

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