Police news.निरीक्षकों के होते हुए दर्जनभर थाने उपनिरीक्षकों के भरोसे,निरीक्षक को घर बिठाकर, उपनिरीक्ष को सौंप दी थाने की कमान
2 स्टार की लिस्ट में शहर के 7 में से 3 थाने शामिल
Dainikmediaauditor.(Rewa district) जिले भर में इन दिनों निरीक्षकों के होते हुए दर्जनभर थाने उपनिरीक्षकों के भरोसे पर संचालित हो रहे हैं जिसकी वजह से लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं में शिकंजा कसने पर पुलिस प्रशासन नाकामयाब ही दिखाई दे रहा। वहीं रीवा शहर में तीन बड़े बड़े ऐसे थाने हैं जहां निरीक्षकों की पदस्थापना होनी चाहिए मगर यह थाने उपनिरीक्षकों के दम पर ही चल रहे हैं तथा उपनिरीक्षकों की अनुभव कमी उनके कार्यों के आड़े आ जाती है और वह अपराध पर अंकुश लगा पाने में सक्षमता नहीं दिखा पाते। रीवा शहर की हम बात करें तो सिटी कोतवाली थाना, अमहिया थाना और बिछिया थाना यह तीनों थाने निरीक्षक स्तर के थाने जहां पर इन दिनों लगातार अपराधिक ग्राफ भी बढ़ता ही जा रहा है परंतु फिर भी वरिष्ठ अधिकारी इन थानों पर निरीक्षकों की पदस्थापना नहीं कर पा रहे हैं।
इसके अलावा Rewa city से सटे हुए गुढ़ थाने में भी पुलिस के अधिकारियों द्वारा निरीक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है जबकि हालही में इसी इलाके पर देश को हिला देने वाली दुष्कृत्य की घटना सामने आई थी। वहीं ग्रामीण इलाके की बात की जाए सगरा, बैकुंठपुर, जवा, अतरैला, डभौरा और जनेह थाना जिले के ऐसे थाने हैं जहां उपनिरीक्षक ही थाने के प्रभारी बने बैठे हैं इसके साथ ही हाल ही चाकघाट थाने में पदस्थ निरीक्षक थाना प्रभारी का भी स्थानांतरण कर दिया गया है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ चाकघाट थाना सबसे प्रमुख थाना है जहां निरीक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है।
दरअसल जिले भर में लगातार बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं पर शिकंजा कसने में पुलिस प्रशासन अक्सर नाकामयाब ही रहा है जिसकी वजह से आए दिन यहां चोरी, लुट तथा हत्या जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं वहीं बीते कई दिनों से रीवा शहर में हर रोज गोलीबारी की घटनाएं भी हो रही हैं परंतु पुलिस की टीम इनके रोकथाम पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। वहीं बात की जाए नशीले मादक पदार्थों के विक्रय की तो शायद ही जिले में ऐसे कोई थाने होंगे जहां नशीली सिरप कोरेक्स के साथ ही गांजा और अन्य नशीली सामग्रियों का विक्रय न होता हो जबकि इस तरह की सामग्रियां का वितरण बड़ा अपराध माना जाता है फिर भी पुलिस इस पर कार्यवाही नहीं कर पाती है क्योंकि इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह प्रभारियों की अनुभव कमी है जिसके कारण वह घटनाओं को बारीकी से नहीं समझ पाते ऐसे में निरीक्षकों की पदस्थापना जरूरी हो जाती है
5 प्रमुख थाने जिसमें जरूरी है निरीक्षकों की पदस्थापना :- चाकघाट, गुढ़, अमहिया, सिटी कोतवाली, और बिछिया यह ऐसे बड़े थाने हैं जहां पर निरीक्षकों की पदस्थापना जरूरी है क्योंकि इनमें से 3 थाने रीवा शहर में आते हैं जहां आपराधिक घटनाओं का होना अधिक मात्रा में संभव है वहीं उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण चाकघाट थाने में भी निरीक्षक की नियुक्ति अनिवार्य हो जाती है इसके अलावा गुढ़ थाना जो ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे बड़ा भूभाग एकत्रित किया हुआ है तथा सीधी जिले की सीमा से भी सटा हुआ है ऐसे में वहां पर भी निरीक्षक की नियुक्ति जरूरी हो जाती है।
लाइन में आराम फरमा रहे निरीक्षकों (टीआई) की सूची:- जेपी ठाकुर, संतोष पंद्रे, उषा सिंह, एमएल वर्मा, अतुल त्रिपाठी, अजय खोबरागड़े व एच एस तिवारी निरीक्षक स्तर के यह साथ टी आई कर्मचारी अभी भी पुलिस लाइन में अपनी सेवाएं दे रहे जिनकी जरूरत बड़े बड़े थानों को है परंतु न तो वरिष्ठ अधिकारी और ना ही गृह विभाग इन निरीक्षकों को किसी भी तरह की जिम्मेदारी सौंप रहा है जिसकी वजह से यह निरीक्षक आराम में है और उनकी जिम्मेदारी को संभालने का काम उपनिरीक्षक स्तर के कर्मचारी कर रहे हैं।