राष्ट्रीय

शिमला की सड़कों पर मलबा, स्कूलों में पानी, मानसून की शुरुआती बारिश बनी मुसीबत

इस बार मानसून ने हिमाचल प्रदेश में समय से करीब सात दिन पहले दस्तक दे दी है। शिमला समेत कई हिस्सों में झमाझम बारिश ने गर्मी से राहत तो दी लेकिन साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। शिमला के जतोड़ इलाके में मलबा गिरने से एक पिकअप गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, ऊपरी शिमला क्षेत्र में तौणी-हाटकोटी मार्ग का एक हिस्सा भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है। मंडी जिले के पंडोह में शहीद इंदर सिंह मिडिल स्कूल में जलभराव की स्थिति बनी रही जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रशासन ने बताया कि धर्मशाला-छत्रो-गगल मार्ग पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। सड़क को दोबारा खोलने का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कें धंस गई हैं और कीचड़ जमा हो गया है जिससे वाहन फंसने लगे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार अगले कुछ दिन और कठिन साबित हो सकते हैं क्योंकि भारी बारिश का दौर अभी थमा नहीं है।

ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

स्थानीय मौसम केंद्र ने 22, 23, 25 और 26 जून के लिए प्रदेश के कुछ इलाकों में अत्यंत भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। वहीं 24 जून यानी मंगलवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ दिया गया है। इस दौरान मध्यम और निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, मिट्टी खिसकने, जलभराव, कमजोर ढांचों को नुकसान और सड़कों पर फिसलन के चलते वाहन दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और यात्रा टालने की सलाह दी है।

कहां-कितनी हुई बारिश और क्या है चेतावनी

राज्य में सबसे ज्यादा बारिश नाहन में 84.7 मिमी रिकॉर्ड की गई। इसके बाद पंडोह में 35 मिमी, स्लैपर में 26.3 मिमी, सराहन में 20.5 मिमी, पांवटा साहिब में 19.8 मिमी, जोगिंद्रनगर में 19 मिमी, पच्छाद में 17.2 मिमी, रामपुर में 15.6 मिमी और गोहर में 15 मिमी बारिश हुई। सुंदरनगर, शिमला और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई जबकि बजौरा में 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले दो से तीन दिनों में हिमाचल प्रदेश के और हिस्सों में सक्रिय होने की संभावना है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी होगी और प्रशासन को भी राहत-बचाव कार्यों के लिए तैयार रहना होगा।

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