चोरहटा से रतहरा बाईपास निर्माण में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खेल ,₹540 करोड़ की सड़क में केसीसी कंपनी ने बनाई 100 करोड़ रुपए के बचत की व्यवस्था₹540 करोड़ की सड़क में केसीसी कंपनी ने बनाई 100 करोड़ रुपए के बचत की व्यवस्था

मीडिया ऑडीटर। शहर की व्यस्तता को कम करने चोरहटा से रतहरा के लिए बने बाईपास सड़क के नवनिर्माण का काम जोरों पर चल रहा है जिसके लिए हरियाणा की निजी कंपनी केसीसी के हाथों 540 करोड़ रुपए की लागत दर्शा कर रोड का पूरा मैप तैयार किया गया है कि सड़क का निर्माण किस तरीके से किया जाए मगर जिस केसीसी कंपनी ने इस बाईपास सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली है उसके द्वारा सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत में ही भ्रष्टाचार की रणनीति पर काम किया जा रहा है जिसके चलते कंपनी के द्वारा सड़क निर्माण पर मानक के विपरीत मटेरियल लगाकर अधिक से अधिक राशि में घोटालेबाजी का प्रारूप तैयार किया गया है और इसी भ्रष्टाचारी निर्माण कार्य में करोड़ों रुपए का बंदरबाट करने की योजना बनाई जा रही है परंतु इस बात का ख्याल शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को भी नहीं है कि इस तरह की गुणवत्ताविहीन सड़क में चलकर आने वाले समय में राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है तथा दुर्घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी होनी है जिसकी वजह से प्रशासन की अनदेखी के चलते केसीसी कंपनी के कर्मचारी अपनी मनमानी दिखाकर सड़क निर्माण के काम को पूरा कराने में जुट हुए हैं। बताया जा रहा है कि केसीसी
कंपनी के द्वारा सड़क के नवनिर्माण कार्य में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है कि जहां लोहे की सरिया का इस्तेमाल होना चाहिए वहां लकड़ी और प्लास्टिक का मिश्रण कर के दिखावे की सरिया लगाकर सड़क को मजबूती प्रदान करने का काम किया जा रहा है जिससे सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद आमजनमानस को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक केसीसी कंपनी ने बाईपास सड़क निर्माण के कार्य में प्रथम फेज में सड़क के किनारे ड्रेनेज सिस्टम तैयार तैयार करने का काम कर रही है जहां से पानी की निकासी होनी है मगर कार्य की शुरुआत में गुणवत्ता विहीन और मानक के विपरीत कार्य किए जा रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दिनों पहले निर्माण एजेंसी केसीसी कंपनी के द्वारा नाली निर्माण कार्य में
वाइब्रेटर का उपयोग भी नहीं किया जा रहा था जिसपर दैनिक मीडिया ऑडीटर ने खबर का प्रकाशन किया था और उसके बाद ही वाइब्रेटर का इस्तेमाल शुरू कर दिया गया वहीं अब लोहे की सरिया का उपयोग न करके कंपनी के ठेकेदार लकड़ी और प्लास्टिक के मिश्रण वाली सरिया को लगाकर नाली के निर्माण कार्य में तेजी ला रहे हैं।

दरअसल बाईपास का निर्माण
19.300 किलोमीटर की लंबाई में किया जाना है। जिसके लिए करीब 60 मीटर की चौड़ाई भी सुनिश्चित की गई है वहीं इस बाईपास में सर्विस लेन और ड्रेनेज सिस्टम भी बनाया जाना है। ड्रेनेज सिस्टम से जहा बारिश का पानी हाइवे में नहीं रूकेगा। साथ ही सर्विस लेन बनाने से गांव के वाहन को हाइवे में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस प्रोजेक्ट में 2 मेजर जंक्शन के साथ माइनर
जंक्शन का निर्माण भी किया जाएगा। जिससे हाइवे में वाहनों के टकराने की स्थिति नहीं बनेगी। इसके साथ ही बाईपास सड़क के निर्माण में 2 मेजर ब्रिज और 3 माइनर ब्रिज का निर्माण भी किया जाएगा। परंतु कार्य के शुरुआत में ही इस तरह की लापरवाही कंपनी के कार्यों को कटघरे में खड़ा कर रही है
आपको बता दें रीवा के लिए यह बड़ी उपलब्धि ही है कि शहर के चारों तरफ फोरलेन सड़क का विस्तार हो रहा है उसमें भी इस बाईपास में अत्याधुनिक सुविधाओं को भी ध्यान में रखा गया है जिसमें तमाम नई नई तकनीकियों की बारीकी रहेगी तथा इस फोरलेन बाईपास में सडक के दोनों तरफ 7-7 मीटर की सर्विस लेन रहेगी। साथ ही दोनों तरफ ढाई-ढाई मीटर टू लेन विथ प्योव्ड सोल्डर रहेगा। इतना ही नहीं दोनों सड़क के बीच में साढ़े 4 मीटर का मीडियन रहेगा। इस बाईपास में 19 किलोमीटर में लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी। जहां ट्रैफिक साइन भी जगह-जगह होगा। 19 किमी के फोरलेन में 36 की संख्या में ह्यूम पाईप की कलवर्ट पुलिया भी बनेगी।
मामले पर केसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि वह लोहे की सरिया की बजाय जिस प्लास्टिक की रॉड का उपयोग कर रहे हैं वह नियम के तहत किया जा रहा है तथा शासन ने उसे खुद अपूव किया है।
