कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने खेली होली, उलेमा ने जताई कड़ी आपत्ति!

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने होली के त्यौहार पर रंगों और फूलों के साथ होली खेली। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी (SP) के एमएलसी और अन्य मुस्लिम नेता भी शामिल हुए। हालांकि, होली खेलने के बाद इमरान मसूद को उलेमा के विरोध का सामना करना पड़ा। उलेमा ने इसे इस्लामिक शिक्षाओं के खिलाफ बताते हुए उन्हें अल्लाह से तौबा करने की सलाह दी।
इमरान मसूद ने किया होली का आयोजन
होली के एक दिन पहले, यानी फाग के दिन, इमरान मसूद ने सभी को अपने घर मेघछापर में होली खेलने के लिए आमंत्रित किया। शुक्रवार को सुबह 11 बजे से कांग्रेस कार्यकर्ता और विभिन्न धर्मों के लोग उनके घर एकत्रित होने लगे। इस दौरान इमरान मसूद ने फूलों, गुलाल और रंगों के साथ होली खेली। इस अवसर पर सभी मेहमानों को गुझिया और लड्डू जैसे मिठाइयाँ भी दी गईं।
इस आयोजन में समाजवादी पार्टी के एमएलसी शाहनवाज खान, शायन मसूद, पूर्व विधायक मसूद अख्तर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष संदीप सिंह राणा, और महानगर अध्यक्ष वरुण शर्मा जैसे नेता भी शामिल हुए थे। होली खेलने के बाद, इमरान मसूद ने रामज़ान के दूसरे शुक्रवार की नमाज़ भी अपने दोस्तों के साथ मस्जिद में अदा की।
उलेमा ने इमरान मसूद पर उठाए सवाल
इमरान मसूद के रंगों में रंगे हुए वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, उन्होंने उलेमा के विरोध का सामना किया। उलेमा ने इसे इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ करार दिया और इमरान मसूद से तौबा करने की सलाह दी।
#WATCH | Congress MP Imran Masood says, "For the first time, hatred was being searched in the colours of Holi. I am celebrating Holi to present a message of love. This is the culture of the country, and we celebrate all the festivals together…" https://t.co/gVhq1sJg2f pic.twitter.com/veUwJY51n3
— ANI (@ANI) March 14, 2025
मुफ़्ती यादे इलाही क़ाज़मी, तंजीम अबना ए दारुल उलूम देवबंद के अध्यक्ष ने कहा, “इस्लाम ने मुसलमानों को एक आदर्श जीवन जीने का तरीका सिखाया है। इस्लाम में पड़ोसी के अधिकारों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस्लाम की सीमाओं से बाहर जाएं। भाईचारे का संदेश देने के लिए यह तरीका गलत है। इस्लाम दूसरों के धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेने की अनुमति नहीं देता।”
क़ारी इश्क़ गोरा, जमियत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक ने कहा कि शरीयत में कुछ सीमाएं और सिद्धांत हैं, जिन्हें पालन करना आवश्यक है। उन्होंने हदीस का हवाला देते हुए कहा, “जो कोई भी किसी अन्य समुदाय की नकल करता है, वह क़ियामत के दिन उसी समुदाय के साथ उठेगा। भाईचारे के लिए कुछ भी ऐसा न करें जो इस्लाम के खिलाफ हो। ऐसे लोग तौबा करें।”
मुफ़्ती अरशद फ़ारूक़ी, फतवा ऑनलाइन के अध्यक्ष ने कहा, “इस्लाम दूसरों के धार्मिक आयोजनों में भाग लेने की अनुमति नहीं देता। भाईचारे को इस तरह भी मजबूत किया जा सकता है कि हम दूसरों के धार्मिक आयोजनों का सम्मान करें और उन्हें शुभकामनाएं दें।”
हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को लेकर शहनवाज खान और मसूद अख्तर का बयान
शहनवाज खान, समाजवादी पार्टी के एमएलसी ने कहा, “हमारी गंगा-जमुनी तहजीब हमेशा से ही सभी धर्मों के त्यौहार एक साथ मनाने का संदेश देती रही है। होली रंगों का त्यौहार है, और लोग इसे हमेशा एक साथ मनाते आए हैं। अब कुछ लोग इस रंग में ज़हर घोलने की कोशिश कर रहे हैं। हमने पहली बार होली खेलकर उन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया है जो भाईचारे को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।”
मसूद अख्तर, पूर्व विधायक ने कहा, “इस्लाम में जानबूझकर होली खेलना मना है। अगर कोई हिंदू भाई आकर रंग लगाता है, तो उसकी भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। यही वह तरीका है जिससे भाईचारे और सामंजस्य को बढ़ावा दिया जाता है। यह उन लोगों का जवाब है जो नफरत फैला रहे हैं।”
इमरान मसूद के होली खेलने को लेकर कुछ उलेमा की ओर से आपत्ति जताए जाने के बावजूद, यह आयोजन हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे और भारतीय सांस्कृतिक विविधता को सशक्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हमारे देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने के लिए सभी धर्मों के त्योहारों का सम्मान करना जरूरी है।