कांग्रेस ने जाति जनगणना को बताया सामाजिक न्याय का सवाल, BJP के फैसले को बताया बड़ी जीत

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ऐलान किया है कि वह 2 मई से 3 मई तक राज्य के सभी जिलों और विभागों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगी। इन प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत जाति जनगणना पर अपने दृष्टिकोण और भूमिका को जनता तक पहुंचाएगी। कांग्रेस ने जाति जनगणना को सामाजिक न्याय का मुद्दा बताया है, और अब इसे भाजपा की स्वीकृति के बाद अपनी लंबी लड़ाई की सफलता मान रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता जाति जनगणना की आवश्यकता, इससे होने वाले सामाजिक और आर्थिक लाभों और भाजपा सरकार द्वारा इस फैसले में की गई देरी को उजागर करेंगे। कांग्रेस यह भी स्पष्ट करना चाहती है कि वह इस मुद्दे पर केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जाति जनगणना के सफल क्रियान्वयन और वंचित वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय रहेगी।
कांग्रेस के इस फैसले के बाद भाजपा ने इसे राहुल गांधी की जीत के रूप में देखा और कांग्रेस को श्रेय लेने का प्रयास बताया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने और भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के बीच श्रेय लेने की होड़ है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि जब कांग्रेस के पास देश में कई सालों तक सरकार थी, तो जाति जनगणना क्यों नहीं करवाई गई?”
कांग्रेस का इतिहास: जाति जनगणना का विरोध और आरोप
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि पंडित नेहरू ने हमेशा जाति और जाति जनगणना के खिलाफ अपनी असहमति जताई थी। उनका पत्र इस बात का गवाह है। इसके अलावा उन्होंने यह सवाल उठाया कि काका कालेलकर की रिपोर्ट को क्यों दबाया गया? चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है और झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का काम किया है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कर्ज माफी, बिजली बिल माफी और बेरोजगारी भत्ता जैसे मुद्दों का हवाला दिया।