मध्य प्रदेश

CM मोहन यादव ने जर्मनी के म्यूनिख में NRI से की बातचीत, जानिए उन्होंने क्या कहा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव यूरोप के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने जर्मनी के म्यूनिख शहर में भारतीय प्रवासी नागरिकों (एनआरआई) से बातचीत की। मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह दौरा विशेष रूप से मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर केंद्रित है। उन्होंने इस अवसर पर एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश के लिए अपार संभावनाएँ हैं और उन्होंने निवेशकों से राज्य में निवेश करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव तरीके से निवेशकों का सहयोग करेगी।

एनआरआई से बातचीत में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एनआरआई से बातचीत के दौरान भारतीय ध्वज के चक्र को लेकर एक दिलचस्प सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “भारतीय ध्वज में जो चक्र है, उसकी विशेषता क्या है? यह चक्र कहां से आया है? इसमें सिर्फ 24 स्पोक्स क्यों हैं? इसका कोई कारण होना चाहिए। अगर यह सवाल न होता, तो शायद आपका ध्यान इस पर नहीं जाता।” मुख्यमंत्री ने इस चक्र को लेकर आगे कहा कि हमें इस चक्र को अशोक के चिह्न की ओर लेकर जाना होगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “यह चक्र 24 घंटे का प्रतीक है। इस जीवित और निर्जीव संसार में सब कुछ घूम रहा है। कोई भी रुकता नहीं है, समय निरंतर चलता रहता है। जो भी इस संसार में आया है, वह जाएगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारी घड़ी को कौन चला रहा है?”

CM मोहन यादव ने जर्मनी के म्यूनिख में NRI से की बातचीत, जानिए उन्होंने क्या कहा

समय और घड़ी के बारे में दिलचस्प विचार

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समय के महत्व को समझाते हुए कहा कि हम पृथ्वी से सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और इसी के आधार पर हम घड़ी का समय मापते हैं। यह चक्र 365 दिनों से अधिक का होता है। अगर हम शुक्र ग्रह पर जाएं तो वहां यह चक्र सिर्फ 245 दिनों में पूरा होता है, और अगर हम शनि ग्रह पर जाएं, तो यह समय और भी अधिक होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल नगर, यानी ‘समय का नगर’ का मतलब है समय का महत्व। महाकाल की पूजा करना समय के देवता की पूजा करना है, और इसका मतलब यह है कि हमारे जीवन का समय पहले से निर्धारित है। इसी समय के आधार पर हम अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग कर रहे हैं।

कुशलता और भाग्य का मिलाजुला प्रभाव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि जब आपका भाग्य और प्रयास दोनों मिलकर काम करते हैं, तो ही सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने यह उदाहरण देते हुए बताया कि जब इन दोनों की कुंजी एक साथ काम करती है, तो ही जीवन के ताले को खोला जा सकता है।

अशोक चिह्न का महत्व और समान अवसर

मुख्यमंत्री ने अशोक चिह्न की ओर इशारा करते हुए कहा, “जब आप अशोक चिह्न को देखेंगे, तो आपको उसमें चक्र के साथ-साथ जानवर भी दिखाई देगा। इसका एक और कारण यह है कि यहां, हमारे प्राकृतिक जीवन में, हम सभी को समान अवसर देने का प्रयास कर रहे हैं। आत्म-नियंत्रण उस काम में बहुत उपयोगी होता है जो भगवान ने हमें दिया है।”

मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह बयान न केवल भारतीय ध्वज और समय के महत्व पर आधारित था, बल्कि यह मध्य प्रदेश के विकास और निवेश के लिए किए जा रहे प्रयासों की ओर भी इंगीत कर रहा था। उनका यह संदेश कि प्रयास और भाग्य दोनों मिलकर सफलता की कुंजी बनते हैं, प्रवासी भारतीयों के लिए प्रेरणा देने वाला था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित किया और राज्य सरकार के सहयोग का भरोसा दिलाया, जिससे राज्य में विकास की नई दिशा स्थापित हो सके।

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