छत्तीसगढ

Chhattisgarh news: फर्जी ACB अधिकारी कार्ड ड्राइवर गिरफ्तार, पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई

Chhattisgarh news: भिलाई के नेहरू नगर चौक पर वाहन चेकिंग के दौरान एक ड्राइवर ने पुलिस को फर्जी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अधिकारी का कार्ड दिखाया, जिसे देखकर पुलिस को शक हुआ और कड़ी पूछताछ के बाद मामला सामने आ गया। पुलिस ने फर्जी आईडी कार्ड जब्त कर लिया और ड्राइवर को सूपेला पुलिस के हवाले कर दिया।

दुर्ग ट्रैफिक एएसपी रिचा मिश्रा ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस ने नेहरू नगर चौक पर वाहन नंबर CG 05 AB 7335 की चेकिंग की, और ड्राइवर सुनील जैन, जो शांति नगर सूपेला का निवासी है, ने खुद को ACB अधिकारी बताकर पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की। ड्राइवर ने यह दावा किया कि वह एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकारी है, लेकिन पुलिस को उसके इस दावे पर संदेह हुआ और उसने तुरंत उसे शक के आधार पर जांचना शुरू किया।

फर्जी ID कार्ड की पोल खुली

पुलिस ने ड्राइवर से उसकी आईडी कार्ड की जांच की और उसने जो कार्ड दिखाया, वह मोबाइल में था। जैसे ही पुलिस ने इसे लेकर सवाल किए, पता चला कि वह कार्ड पूरी तरह से फर्जी था। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर को कड़ी पूछताछ के लिए रोका और मामला पूरी तरह से खुल गया।

रिचा मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार पुलिस को गुमराह करने का अपराध है और ड्राइवर ने इसका गंभीर उल्लंघन किया। पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में लिया और उसकी फर्जी आईडी कार्ड को जब्त कर लिया। ट्रैफिक पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ 6,000 रुपये का चालान भी किया और उसकी ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड करने के लिए परिवहन विभाग को पत्र भेजा।

Chhattisgarh news: फर्जी ACB अधिकारी कार्ड ड्राइवर गिरफ्तार, पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई

सूपेला पुलिस स्टेशन को सौंपा मामला

ड्राइवर को सूपेला पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जहां उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान इस तरह के मामलों का खुलासा होना आम बात नहीं है, और ऐसे मामले पुलिस की कड़ी निगरानी और जांच की आवश्यकता को साबित करते हैं।

गुमराह करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

पुलिस विभाग ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पुलिस के कामकाजी तरीके पर सीधा असर पड़ता है, और लोगों को यह संदेश भेजा जाता है कि पुलिस को धोखा देना या गुमराह करने की कोशिश करना कानून के खिलाफ है।

ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता की सराहना

दुर्ग ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता की भी सराहना की जा रही है, जिन्होंने वाहन चेकिंग के दौरान इस गड़बड़ी का खुलासा किया। एएसपी रिचा मिश्रा ने बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस को ऐसे संदिग्ध मामलों की पहचान करना आसान हो जाता है, और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस तरह के मामले न केवल पकड़े जाएं, बल्कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।

संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश

इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस ने परिवहन विभाग से ड्राइवर की लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश की है। इससे यह संदेश जाता है कि यदि कोई व्यक्ति पुलिस के कार्यों को विफल करने के लिए गलत तरीके अपनाता है, तो उसे न केवल कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा, बल्कि उसकी लाइसेंस जैसी अन्य सुविधाओं से भी उसे वंचित किया जा सकता है।

कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया

पुलिस ने बताया कि ड्राइवर के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (धोखाधड़ी और गलत पहचान का आरोप) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में यह देखा जाता है कि लोग अपने आप को उच्च अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत कर पाते हैं, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है। पुलिस इस प्रकार के मामलों की पूरी गंभीरता से जांच करेगी और दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के लिए प्रयत्नशील रहेगी।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि पुलिस की सतर्कता और कार्यकुशलता से किसी भी अपराध को खुलासा किया जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए न केवल एक अपराधी को पकड़ा, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि वह आगे से किसी अन्य को गुमराह न कर सके। अब सूपेला पुलिस स्टेशन में इसकी आगे की जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाओं से यह भी सीखने को मिलता है कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कानून व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक है।

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