Chhattisgarh Naxal Encounter: नक्सलियों की कमर टूटी, पूर्व CM रमन सिंह ने कही यह बात
Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सबसे बड़े ऑपरेशन के तहत, 31 नक्सलियों के मारे जाने की खबर ने राज्य में सुरक्षा बलों की सफलता की एक नई कहानी बुन दी है। इस महत्वपूर्ण सफलता पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा और उनकी पूरी टीम को बधाई दी है।
मुठभेड़ का महत्व
रमन सिंह ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में कहा कि यह एक बड़ी सफलता है, जो न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस सफल ऑपरेशन का श्रेय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सोच और कार्यशैली को जाता है, जिससे सुरक्षा बलों को इस अभियान में पूर्ण सफलता मिली है।
मुठभेड़ का विवरण
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों को एंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। इस ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में स्वचालित हथियार भी बरामद किए गए हैं।
नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना
दंतेवाड़ा रेंज के DIG कमलौचन कश्यप ने बताया कि यह क्षेत्र सभी नक्सलियों के लिए एक सुरक्षित स्थान माना जाता है। इस ऑपरेशन की योजना चार दिन पहले बनाई गई थी, जब नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी। मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराने के साथ-साथ कई AK-47 और SLR जैसे हथियार भी बरामद हुए हैं।
नक्सलियों की स्थिति
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद नक्सलियों की कमर टूट गई है। उन्होंने कहा कि यह कंकर में हुए पिछले ऑपरेशन से भी बड़ा है। उनके अनुसार, इस क्षेत्र में सक्रिय कंपनी संख्या छह मुख्य रूप से नक्सली गतिविधियों में संलग्न थी, जिसमें 100-150 नक्सली शामिल थे।
सुरक्षा बलों की बहादुरी
इस सफल ऑपरेशन की सराहना करते हुए, रमन सिंह ने सुरक्षा बलों की बहादुरी और समर्पण को भी सराहा। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी जीत है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए भी एक उम्मीद की किरण है। इस प्रकार के अभियानों से न केवल नक्सलवाद को कम किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय विकास में भी तेजी लाई जा सकती है।
स्थानीय समुदाय पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का प्रभाव लंबे समय से स्थानीय समुदाय पर पड़ा है। नक्सलियों की गतिविधियों के कारण विकास कार्यों में बाधा आई है, जिससे लोगों की जिंदगी पर असर पड़ा है। इस तरह के सफल अभियानों से न केवल नक्सलियों के प्रभाव को कम किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सुरक्षा का अहसास होगा।
सरकार की रणनीति
छत्तीसगढ़ की सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत रणनीति बनाई है, जिसमें सुरक्षा बलों को सुसज्जित करना और स्थानीय समुदाय के साथ संवाद स्थापित करना शामिल है। रमन सिंह ने इस रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे राज्य में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में मदद मिलेगी।
आने वाले समय की चुनौतियाँ
हालांकि, इस सफलता के बाद भी कई चुनौतियाँ सामने हैं। नक्सलवाद केवल सुरक्षा बलों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व के लिए भी एक चुनौती है। सुरक्षा बलों को निरंतर सक्रिय रहना होगा और नक्सलियों के संभावित ठिकानों की पहचान करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना होगा।