छत्तीसगढ

Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर

Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में तीन नक्सलियों की मौत होने की पुष्टि हुई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों को इस क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद नक्सल विरोधी ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। यह ऑपरेशन नारायणपुर और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित माड क्षेत्र में चल रहा है।

मुठभेड़ का विवरण

मुठभेड़ आज दोपहर 4 बजे के आसपास शुरू हुई थी। सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगातार गोलीबारी का सिलसिला जारी है। इस मुठभेड़ में सभी सुरक्षा कर्मियों की स्थिति सुरक्षित बताई गई है। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने घटनास्थल से AK-47 सहित अन्य हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। अधिकारी इस मामले में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

अबूझमाड़ जंगल में IED बरामद

इस बीच, ITBP (इंडो-तिब्बतियन बॉर्डर पुलिस) के जवानों ने नारायणपुर जिले के कुंतुलनार के जंगलों में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को बरामद किया है। ITBP के जवान नक्सल ऑपरेशन पर निकले थे और उन्हें IED के बारे में जानकारी मिली। जवानों ने इस IED का पता लगाया और उसे निष्क्रिय कर दिया, जिससे एक बड़े हादसे से बचा जा सका।

Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर

डांतेवाड़ा में चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

इससे पहले, रविवार को डांतेवाड़ा में चार नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल 20 लाख रुपये का इनाम था। इनमें तीन महिलाएं और एक पुरुष नक्सली शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में एक दंपति भी है, जिन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।

छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या

छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती है। राज्य की कई ग्रामीण और वन क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव में हैं, जिसके कारण यहां की स्थानीय जनता को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नक्सली समूह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अक्सर हिंसा का सहारा लेते हैं, जिससे सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।

सरकार की नक्सल विरोधी नीति

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ एक कठोर नीति अपनाई है। पुलिस और सुरक्षा बलों को मजबूत किया गया है और नक्सल विरोधी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों और रणनीतियों का उपयोग किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य न केवल नक्सलियों से सुरक्षा प्राप्त करना है, बल्कि उन क्षेत्रों में विकास को भी बढ़ावा देना है, जो नक्सल गतिविधियों से प्रभावित हैं।

स्थानीय लोगों की सुरक्षा और विकास

सरकार की योजना है कि स्थानीय लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हुए विकास कार्यों को तेज किया जाए। इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे लोग नक्सल गतिविधियों से दूर रह सकें। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास की सुविधा देने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे मुख्यधारा में लौट सकें।

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