राष्ट्रीय

चार धाम यात्रा की शुरुआत, इस साल बद्रीनाथ का क्या खास संदेश है?

उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था और श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई। कपाट खोलने के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और भगवान बद्रीविशाल से आशीर्वाद प्राप्त किया। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। इसके साथ ही, गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट पहले ही खोले जा चुके हैं, जिससे चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है।

बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का धाम माना जाता है और इसे पृथ्वी का ‘वैष्णव’ भी कहा जाता है। यह पवित्र स्थल नार और नारायण पर्वतों के बीच स्थित है, जो अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर है। यह मंदिर केवल मई से नवंबर तक श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। सर्दियों के मौसम में जब मंदिर के कपाट बंद होते हैं, तब भगवान बद्रीनाथ की पूजा जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में की जाती है। मंदिर बंद होने के बाद भी, जो दीपक मंदिर में जलाया जाता है, वह लगातार छह महीने तक जलता रहता है।

चारधाम यात्रा की शुरुआत

बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की पूजा चतुर्भुज (चार भुजाओं वाले) शालिग्राम रूप में की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल भगवान विष्णु के नर-नारायण रूप का तपोभूमि रहा है। एक प्रसिद्ध कहावत भी है, “जो जाए बद्री, वो ना आए ओदरी,” यानी जो व्यक्ति श्रद्धा से बद्रीनाथ धाम में पूजा करता है, उसे पुनः जन्म लेने की आवश्यकता नहीं होती। इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खोले गए थे। इसके बाद, 2 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी खोले गए थे और आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का पूर्ण रूप से आरंभ हो गया है।

चारधाम यात्रा का महत्व

चारधाम यात्रा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह यात्रा उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का भ्रमण करने की यात्रा है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा पर जाते हैं और इन पवित्र स्थलों पर भगवान के दर्शन करते हैं। बद्रीनाथ धाम का विशेष धार्मिक महत्व है और यहां की यात्रा से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। इस यात्रा को ‘मोक्ष प्राप्ति की यात्रा’ भी माना जाता है, क्योंकि यहां भगवान विष्णु के दर्शन करने से जीवन के कष्टों का अंत और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d