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शाहरुख खान की बड़ी जीत, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने ‘RA One’ मामले में उन्हें दी राहत

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने आयकर विभाग के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाई में जीत हासिल की है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है, जिससे उन्हें राहत मिली है। यह विवाद उनके 2011 में रिलीज़ हुई फिल्म RA One से जुड़ा हुआ था, जिसमें आयकर विभाग ने उनके द्वारा 2011-2012 के दौरान घोषित की गई आय के संबंध में आपत्ति उठाई थी।

आयकर विभाग ने शाहरुख खान द्वारा वर्ष 2011-2012 में घोषित आय 83.42 करोड़ रुपये को लेकर विवाद उठाया था और ब्रिटेन में चुकाए गए करों के लिए विदेशी कर क्रेडिट (Foreign Tax Credit) का दावा भी खारिज कर दिया था। विभाग ने फिल्म के निर्माण से जुड़ी आय के संबंध में अपने आंकड़े प्रस्तुत किए और यह दावा किया कि शाहरुख खान पर कुल टैक्स 84.17 करोड़ रुपये बनता है। लेकिन, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने इस दावे को गलत करार देते हुए शाहरुख खान के पक्ष में फैसला सुनाया।

ITAT का फैसला: आयकर विभाग का पुनः आकलन कानूनी तौर पर सही नहीं

आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने अपने फैसले में कहा कि आयकर विभाग द्वारा शाहरुख खान के मामले का पुनः आकलन करना कानूनी रूप से उचित नहीं था। ITAT ने यह भी स्पष्ट किया कि आयकर अधिकारी (Assessing Officer) ने चार साल के बाद किसी नए सब्सटेंटिव (सार्वजनिक) सबूत को प्रस्तुत करने में नाकाम रहे, जिससे पुनः आकलन की आवश्यकता थी।

ITAT ने यह भी कहा कि पहले की जांच में इस मामले की पूरी जांच की जा चुकी थी और ऐसे में मामले का पुनः आकलन करना कानून के खिलाफ था। न्यायाधिकरण ने कहा कि आयकर विभाग ने पहले की जांच में ही इस मामले को निपटा दिया था, और किसी नई और ठोस जानकारी के बिना पुनः आकलन करना पूरी तरह से अनुचित था।

शाहरुख खान की बड़ी जीत, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने 'RA One' मामले में उन्हें दी राहत

विदेशी कर क्रेडिट का विवाद

शाहरुख खान ने अपने करों के भुगतान के लिए ब्रिटेन में कर क्रेडिट का दावा किया था, क्योंकि उनकी फिल्म RA One का 70 प्रतिशत हिस्सा ब्रिटेन में शूट किया गया था। इस कारण, उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में कर योग्य था।

आयकर विभाग ने शाहरुख खान के विदेशी कर क्रेडिट के दावे को खारिज करते हुए यह तर्क दिया कि इस तरह के समझौते से भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हो सकता है। विभाग ने यह तर्क दिया कि शाहरुख खान की आय का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में टैक्सेबल था, जिससे भारत को राजस्व का नुकसान हुआ। लेकिन, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस तर्क को नकारते हुए शाहरुख खान के दावे को सही ठहराया।

ITAT ने अपने फैसले में यह भी कहा कि आयकर विभाग का यह कहना कि RA One फिल्म के निर्माण से भारत को राजस्व का नुकसान हुआ, पूरी तरह से आधारहीन था। शाहरुख खान ने अपनी फिल्म के लिए ब्रिटेन में कर चुकाए थे, और उन्हें इसके लिए विदेशी कर क्रेडिट मिलने का पूरा अधिकार था।

फिल्म का अंतर्राष्ट्रीय पहलू और कर विवाद

RA One फिल्म का निर्माण एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था, जिसमें शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने ब्रिटेन के साथ समझौता किया था। इस समझौते के तहत फिल्म का 70 प्रतिशत हिस्सा ब्रिटेन में शूट किया गया था, और इसके लिए शाहरुख खान ने वहां के कर कानूनों के तहत कर चुकाए थे।

भारत में आयकर विभाग का यह मानना था कि शाहरुख खान के इस समझौते से भारत को कर राजस्व में नुकसान हो सकता है, क्योंकि ब्रिटेन में फिल्म से होने वाली आय पर टैक्स लगाया गया था। हालांकि, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस दावे को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से कानूनी था और शाहरुख खान को विदेशी कर क्रेडिट मिलना चाहिए था।

इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय टैक्स कानूनों के तहत, अगर किसी व्यक्ति या कंपनी ने विदेश में टैक्स चुकाया है, तो उसे भारत में उस कर का क्रेडिट मिलना चाहिए, बशर्ते यह कानूनी रूप से सही हो।

ITAT का निर्णय: कर व्यवस्था पर बड़ा असर

यह निर्णय न केवल शाहरुख खान के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह भारत में टैक्स प्रणाली और विदेशी कर क्रेडिट से संबंधित मामलों में एक महत्वपूर्ण मिसाल भी कायम करता है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का यह निर्णय उन करदाताओं के लिए अहम हो सकता है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करते हैं और विदेशों में टैक्स चुकाते हैं।

इस फैसले से यह भी स्पष्ट हुआ है कि आयकर विभाग को किसी भी मामले का पुनः आकलन करने से पहले पर्याप्त और ठोस साक्ष्य पेश करने होंगे। बिना किसी नए तथ्य या साक्ष्य के पुनः आकलन करना कानूनी तौर पर गलत माना जाएगा।

शाहरुख खान का यह निर्णय न केवल उनके व्यक्तिगत मामले में राहत है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि आयकर विभाग को अपने निर्णयों में पारदर्शिता और साक्ष्यों के आधार पर काम करना चाहिए। इससे यह भी संकेत मिलता है कि आयकर प्रणाली में सुधार की जरूरत है, खासकर जब अंतर्राष्ट्रीय करों की बात आती है।

शाहरुख खान की यह कानूनी जीत उनके लिए और उनके फैंस के लिए एक बड़ा उत्सव है, क्योंकि यह उनकी ईमानदारी और कानूनी अधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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