मध्य प्रदेश

बाबरी मस्जिद को बताया ‘शहीद’, दंगों पर दिया उल्टा बयान! दिग्विजय सिंह का वीडियो हुआ वायरल

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह बयान उन्होंने शाजापुर के चौबदार वाड़ी में आयोजित सद्भावना सम्मेलन के दौरान दिया था। कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की मौजूदगी में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया था तब वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि उस समय भोपाल में 1947 तक भी ऐसा दंगा नहीं हुआ था जैसा उस घटना के बाद हुआ। उन्होंने कहा कि हमने दंगे भड़काने की पूरी कोशिश की। दरअसल वे कहना चाहते थे कि दंगे रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन उनकी ज़ुबान फिसल गई और उन्होंने उल्टा बयान दे दिया।

दंगे रोकने की बात करना चाहते थे लेकिन बयान से मचा बवाल

दिग्विजय सिंह ने आगे बताया कि बाबरी मस्जिद की घटना के बाद वे लगभग दो हफ्ते तक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही रुके और घर तक नहीं गए। उन्होंने कहा कि वे हिंदू और मुस्लिम समाज को जोड़कर दंगे रोकने का प्रयास कर रहे थे लेकिन बोलते समय उन्होंने कहा कि हमने दंगे भड़काने की पूरी कोशिश की। इसी एक लाइन ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। उनका यह वीडियो वायरल होते ही भाजपा नेताओं ने हमला बोल दिया। सोशल मीडिया पर भी उन्हें खूब ट्रोल किया जा रहा है और कई लोगों ने इसे कांग्रेस की मानसिकता से जोड़ दिया है।

भाजपा ने बताया ‘दंगा भड़काने’ वाला बयान, कहा- यह स्वीकारोक्ति है

मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने दिग्विजय सिंह के बयान पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि यह सुनिए दिग्विजय सिंह की दंगा भड़काने की स्वीकारोक्ति। उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता बाबरी मस्जिद को ‘शहीद’ कहता है वह साफ कर देता है कि उसके इरादे क्या हैं। मंत्री सारंग ने दिग्विजय सिंह पर हिन्दू विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह हमेशा दंगे भड़काने का काम करती रही है। कई भाजपा नेताओं ने यह भी मांग की कि दिग्विजय सिंह को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए।

दिग्विजय सिंह की सफाई, कहा- बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया

बवाल बढ़ता देख दिग्विजय सिंह ने खुद सामने आकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने उनके बयान से ‘नहीं’ शब्द को हटा दिया और जानबूझकर गलत अर्थ निकाला। उन्होंने कहा कि पूरी जिंदगी उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए काम किया है और दंगों के खिलाफ हमेशा खड़े रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान यह था कि हमने दंगे भड़काने की नहीं बल्कि दंगे रोकने की पूरी कोशिश की थी लेकिन बोलते समय गलती हो गई। बाबरी मस्जिद को शहीद कहने पर उन्होंने कहा कि अगर किसी धार्मिक स्थल को जबरन तोड़ा जाए तो उसे क्या कहेंगे। उन्होंने अपने बयान पर खेद नहीं जताया लेकिन यह जरूर कहा कि उसे गलत तरीके से पेश किया गया है।

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