CM Yogi को अज्ञात शख्स ने दी धमकी, कहा- 10 दिन में इस्तीफा दें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी संदेश मुंबई पुलिस नियंत्रण कक्ष में प्राप्त हुआ है। एक अज्ञात व्यक्ति ने मुंबई पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल डिपार्टमेंट को फोन कर धमकी दी कि यदि Yogi Adityanath 10 दिनों के भीतर इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें बाबा सिद्दीकी की तरह ही परिणाम भुगतने होंगे। शनिवार शाम को इस धमकी भरे संदेश के मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अज्ञात व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या
गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र के वरिष्ठ एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से मुंबई पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है। बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे के ऑफिस के बाहर गोली मारी गई थी, जिसके बाद उनकी हालत गंभीर हो गई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से कई और धमकियों का सिलसिला जारी है।
पप्पू यादव को भी मिली जान से मारने की धमकी
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद, बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद पप्पू यादव को भी जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। पप्पू यादव ने इस मामले की शिकायत पुलिस और गृह मंत्रालय से की है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पप्पू यादव को धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बावजूद, पप्पू यादव ने CCTV फुटेज जारी किया और कहा कि उनके घर की निगरानी की जा रही है। उनकी जान को खतरा बना हुआ है, और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पुलिस ने किसे गिरफ्तार किया है।
संदर्भ और वर्तमान स्थिति
Yogi Adityanath को मिली धमकी देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक गंभीर चिंता का विषय है। पिछले कुछ समय से, राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। यह स्थिति देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है। महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल राजनीतिक हलचल को बढ़ाया है, बल्कि इससे जुड़े कई सवाल भी खड़े किए हैं।
पुलिस प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रकार की घटनाएँ पुनः न हों। मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। उनकी सुरक्षा के उपायों को और मजबूत किया जा रहा है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के खतरे से बचाया जा सके।
इस तरह की धमकियाँ देश के लोकतंत्र और सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। सभी राजनीतिक दलों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे हिंसा और धमकी की संस्कृति को समाप्त किया जा सके। सरकार को भी चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और आवश्यक कदम उठाए।
सभी राजनीतिक नेताओं, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों, को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी बात रखने के लिए सुरक्षित माहौल में हों। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो यह देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और उनके कार्यों को कमजोर करेगा। इस परिस्थिति में हर किसी को यह सोचने की आवश्यकता है कि वे क्या कर सकते हैं ताकि राजनीतिक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।