Akhilesh Yadav का चुनाव आयोग पर हमला, मिल्कीपुर उपचुनाव में धांधली के आरोप

समाजवादी पार्टी के प्रमुख Akhilesh Yadav ने आज चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा और कहा कि चुनाव आयोग “मर चुका है”, और अब “हमें सफेद कपड़ा प्रस्तुत करना होगा।” अखिलेश यादव मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में हुई कथित धांधली को लेकर आयोग से शिकायत करने के बाद बुरी तरह से भड़क गए। उन्होंने भाजपा पर मिल्कीपुर उपचुनाव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने और धांधली करने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए और उन्होंने भाजपा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।
धांधली के आरोप: अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में धांधली की पूरी योजना बनाई और पुलिस-प्रशासन ने पूरी तरह से भाजपा के गुंडों को खुला समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव में हिंसा और गड़बड़ी फैलाई और पुलिस-प्रशासन ने उन्हें पूरी छूट दी। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।” अखिलेश यादव ने दावा किया कि “वोटरों में भय का माहौल बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने मिलकर काम किया।”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा कि चुनाव में धांधली की कई घटनाएँ हुईं, जिनमें एसपी के बूथ एजेंटों को डरा-धमका कर निकाल दिया गया और कई बूथों पर एजेंटों को नियुक्त ही नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बहुत से स्थानों पर ईवीएम में खराबी आई और कुटिया अमानिगंज में तो एक ईवीएम में दो घंटे से ज्यादा समय तक खराबी रही, जिससे मतदान प्रभावित हुआ।
#WATCH दिल्ली: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर लगे आरोपों पर कहा, “यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा।” pic.twitter.com/LXJWZV4bjA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2025
बूथों पर धांधली: अखिलेश यादव का गंभीर आरोप
अखिलेश यादव ने अपनी शिकायत में कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में कई बूथों पर ईवीएम खराब हो गए थे, जिसके चलते मतदाताओं का वोट डालना मुश्किल हो गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ बूथों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी मिलकर मतदान प्रभावित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “कई स्थानों पर मुस्लिम महिलाओं को पहचानने के नाम पर उनका बुरका उतरवाया गया और उन्हें डराया-धमकाया गया।”
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद ने खुद कुछ लोगों को फर्जी वोट डालते हुए पकड़ा था। यादव ने कहा, “जिस व्यक्ति ने यह खुद कहा कि रायपट्टी अमानिगंज में फर्जी वोट डाले गए, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि बीजेपी सरकार के अधिकारी चुनावी धांधली में शामिल हैं।”
चुनाव आयोग पर निशाना: अखिलेश यादव का गुस्सा
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग कार्रवाई नहीं करता है तो उसे सफेद कपड़ा पेश करना होगा। उनका कहना था कि आयोग ने हमेशा से ही बीजेपी के पक्ष में काम किया है और अब समय आ गया है कि आयोग अपनी निष्पक्षता साबित करे।
उन्होंने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया को नष्ट करने और लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए बीजेपी हर तरह की चालबाजी कर रही है। यादव ने कहा, “बीजेपी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने पर तुली हुई है। उपचुनाव एक औपचारिकता बनकर रह गया है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम फर्जी मतदान कर रहे हैं।”
बीजेपी का जवाब: अखिलेश यादव के आरोप निराधार
समाजवादी पार्टी के प्रमुख द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराशा का परिणाम करार दिया है। बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि ये आरोप बस समाजवादी पार्टी के हार की खीज का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि “जब समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा तो वे चुनाव आयोग और भाजपा पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है, जो एक हार के बाद की प्रतिक्रिया है।”
बीजेपी ने यह भी कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा को भारी जीत मिली है और इससे विपक्षी दल परेशान हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है, इसलिए वे चुनाव आयोग पर अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं।
मिल्कीपुर उपचुनाव का राजनीतिक महत्व
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह सीट अयोध्या जिले में आती है, जो धार्मिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील मानी जाती है। इस सीट पर उपचुनाव तब हुआ जब समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने पिछले साल लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट को खाली किया।
समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच इस सीट को लेकर प्रतिद्वंद्विता जारी है, और दोनों पार्टियां इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बना चुकी हैं। जहां समाजवादी पार्टी इसे भाजपा के खिलाफ अपनी ताकत दिखाने का एक अवसर मानती है, वहीं भाजपा इस सीट को अपनी सत्ता की स्थिरता और विजय के प्रतीक के रूप में देखती है।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता और भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों द्वारा बार-बार चुनाव आयोग पर पक्षपाती होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां चुनावी प्रक्रिया हमेशा से ही गर्मागर्म बहस का विषय रही है, आयोग की भूमिका पर संदेह होना स्वाभाविक है।
इससे पहले भी कई चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी और मतदान केंद्रों पर धांधली के आरोप लग चुके हैं। ऐसे में चुनाव आयोग पर निरंतर बढ़ते आरोपों के बीच अब देखना होगा कि वह इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या वह विपक्षी दलों को संतुष्ट करने में सफल हो पाता है।
आगे की रणनीति और संभावनाएँ
मिल्कीपुर उपचुनाव में उठे विवादों के बाद अब अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी अभियानों को और तेज कर दिया है। चुनाव आयोग से कार्रवाई की उम्मीद रखते हुए, सपा ने अपनी शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से भी की है। दूसरी ओर, बीजेपी इस विवाद को हल्के में लेते हुए अपनी जीत को प्रतिष्ठा से जोड़कर पेश कर रही है।
आने वाले दिनों में इस उपचुनाव को लेकर और भी बयानबाजी हो सकती है, क्योंकि दोनों प्रमुख दल इसे एक अहम राजनीतिक युद्ध के रूप में देख रहे हैं।