लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, विपक्ष ने बोला जोरदार हमला!

लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय इस बिल के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है। इसी बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को लोकतंत्र के लिए काला अध्याय और कलंक बताया है। बोर्ड का कहना है कि सत्ता में बैठे लोग शक्ति के नशे में चूर होकर फैसले ले रहे हैं और उन्होंने मुस्लिम संगठनों तथा समुदाय की आवाज को अनसुना कर दिया है। अब इस बिल के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।
अहमदाबाद से कोलकाता तक विरोध प्रदर्शन
वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अहमदाबाद से लेकर कोलकाता तक अलग-अलग मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। अहमदाबाद में मुस्लिम समाज के लोगों ने इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं कोलकाता, हैदराबाद समेत कई अन्य राज्यों में भी विरोध जारी है। इसी बीच, दिल्ली के जामिया इलाके में संभावित प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने आज फ्लैग मार्च निकाला। दिल्ली में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने भी फ्लैग मार्च किया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
#WATCH | Kolkata: Muslim organisations, under the banner of Joint Forum for Waqf Protection, are holding protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/gyLv2iBwjQ
— ANI (@ANI) April 4, 2025
विपक्ष ने जताई आपत्ति
यह वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया। इसके बाद गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में भी पेश हुआ और वहां से भी इसे मंजूरी मिल गई। सरकार का कहना है कि इस बिल से मुसलमानों के धार्मिक मामलों या वक्फ में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। हालांकि, विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया जा रहा है।
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आगे की रणनीति पर विचार कर रहे मुस्लिम संगठन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों ने इस बिल के खिलाफ आगे भी आंदोलन जारी रखने की बात कही है। उनका कहना है कि यह बिल मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों को प्रभावित करता है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने बिना मुस्लिम समुदाय की राय लिए ही यह फैसला लिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विरोध को लेकर क्या रुख अपनाती है और आगे की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ता है।