UP में पुलिस द्वारा पीटे जाने के बाद एक युवक ने की आत्महत्या, मृतक की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने पुलिस द्वारा पीटे जाने के बाद आत्महत्या कर ली। यह घटना 16 नवंबर की है, लेकिन अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें पुलिस की बर्बरता को साफ देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक पुलिस उप निरीक्षक एक युवक को घसीटते हुए, उसे थप्पड़ मारते हुए और उसे जबरदस्ती पुलिस वाहन में बैठाने की कोशिश करता है। पुलिस द्वारा पीटे गए इस युवक ने अब फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
मृतक की पत्नी ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
मृतक के परिवार का कहना है कि युवक ने पुलिस की पिटाई के कारण आत्महत्या की। मृतक की पत्नी नीरजा देवी ने मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेजकर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों की बर्बरता के कारण उनके पति की मौत हुई। नीरजा देवी ने आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि की मांग की है। उनका कहना है कि उनके पति की मौत के लिए पुलिसकर्मियों की पिटाई और उत्पीड़न जिम्मेदार है।
भूमि विवाद में उत्पन्न हुआ तनाव
यह मामला एक भूमि विवाद से जुड़ा हुआ है। मृतक प्रवीण कुमार उर्फ ललू ग्राम उमरोली (बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र) का निवासी था। उसने 16 नवंबर को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पत्नी ने शिकायत पत्र में बताया कि 20 जनवरी 2023 को उसने अपने रिश्तेदार की पंजीकृत संपत्ति का निबंधन कराया था, लेकिन 25 अप्रैल को उसके विरोधियों ने इस भूमि को कब्जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया।
नीरजा देवी के अनुसार, इस शिकायत के बाद पुलिस ने उनके पति को उठा लिया और थाने में बुरी तरह से पीटा। नीरजा का आरोप है कि 10 अक्टूबर को निरीक्षक राजेश द्विवेदी और एक कांस्टेबल ने उनके पति को गाली-गलौच करते हुए जबरदस्ती थाने में बैठाया और वहां उन्हें फिर से खेत का कब्जा छोड़ने की धमकी दी।
हरदोई में पुलिस पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल ,युवक ने की आत्महत्या!!#Hardoi pic.twitter.com/gesrsL7mI5
— ranjeet kumar singh (@ranjeethdi) December 14, 2024
पुलिस उत्पीड़न से परेशान होकर युवक ने की आत्महत्या
नीरजा देवी ने बताया कि 15 नवंबर को उन्हें फिर से पुलिस स्टेशन बुलाया गया और वहां उनका अपमान किया गया। इसके बाद प्रवीण घर वापस आया और पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर प्रवीण ने 16 नवंबर को आत्महत्या कर ली। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी युवक को थप्पड़ मार रहे हैं। इसके बाद मृतक की पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने मानवाधिकार आयोग और अन्य अधिकारियों को भी शिकायत की है।
पुलिस द्वारा मामले की जांच और बयान
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक मार्तंड प्रताप सिंह ने बताया कि 10 अक्टूबर को उमरौली गांव में दो पक्षों के बीच विवाद की सूचना मिली थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए डायल 112 की मदद ली गई थी। जब स्थिति पर काबू नहीं पाया गया, तो अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई। बेहटा गोकुल पुलिस स्टेशन से अतिरिक्त पुलिस बल के साथ रामेश द्विवेदी ने दोनों पक्षों को गिरफ्तार किया और आवश्यक बल प्रयोग किया।
अपर पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि इस दौरान प्रवीण को रामेश द्विवेदी ने थप्पड़ मारा था, और इस मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने दोनों पक्षों का मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें प्रवीण के शरीर में शराब का सेवन पाया गया। इसके बाद दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें चालान किया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शराब की पुष्टि
अपर पुलिस अधीक्षक मार्तंड प्रताप सिंह ने बताया कि प्रवीण की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शराब के सेवन का पता चला है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों का मेडिकल टेस्ट कराया गया था और उसमें शराब का सेवन पाया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि प्रवीण ने 17 नवंबर को आत्महत्या की थी, जिसके बाद पंचनामा भरकर नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई थी।
मृतक की पत्नी की शिकायत और पुलिस की जांच
अब मृतक प्रवीण कुमार की पत्नी ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है, जिसमें पुलिस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने इस शिकायत को गहनता से जांचने का आश्वासन दिया है और जल्द ही इस मामले में पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस की कोई भी लापरवाही या अपराध सामने आता है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला एक गंभीर उदाहरण है कि कैसे पुलिस का अत्याचार और उत्पीड़न एक व्यक्ति की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है। प्रवीण कुमार की आत्महत्या ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो। मृतक की पत्नी ने न्याय की गुहार लगाई है और अधिकारियों से उम्मीद जताई है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग को इस तरह के मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए ताकि किसी भी नागरिक को इस तरह के उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े।