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2025 में आसमान छूने वाला है World defense budget, वैश्विक सैन्य शक्ति में आएगा बड़ा बदलाव

2025 में वैश्विक रक्षा बजट ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने वाला है, क्योंकि दुनिया के प्रमुख देश अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। विभिन्न राष्ट्र उच्च तकनीक वाले हथियार खरीद रहे हैं, रणनीतिक स्थलों को मजबूत कर रहे हैं और रक्षा प्रणालियों का विस्तार कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ते खतरों को देखते हुए देशों की यह तैयारी विश्व सुरक्षा परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकती है।

IISS की रिपोर्ट का बड़ा खुलासा

इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज (IISS) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि 2024 में वैश्विक रक्षा व्यापार 2.46 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि 2023 में यह 2.24 ट्रिलियन डॉलर था। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वैश्विक जीडीपी में रक्षा खर्च का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है।

वैश्विक जीडीपी में रक्षा बजट की हिस्सेदारी

वर्ष वैश्विक रक्षा बजट (ट्रिलियन डॉलर) वैश्विक जीडीपी में हिस्सेदारी (%)
2022 1.6 1.6%
2023 2.24 1.8%
2024 2.46 1.9%
2025* अनुमानित वृद्धि 2.0% तक पहुंचने की संभावना

2025 में आसमान छूने वाला है World defense budget, वैश्विक सैन्य शक्ति में आएगा बड़ा बदलाव

2025 का रक्षा बजट: कौन है शीर्ष पर?

वैश्विक सैन्य खर्च में अमेरिका सबसे आगे है, जबकि चीन और रूस भी तेजी से अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहे हैं।

देश रक्षा बजट (डॉलर में)
अमेरिका 895 अरब
चीन 266.85 अरब
रूस 126 अरब
भारत 75 अरब
सऊदी अरब 74.76 अरब
ब्रिटेन 71.5 अरब
जापान 57 अरब
ऑस्ट्रेलिया 55.7 अरब
फ्रांस 55 अरब
यूक्रेन 53.7 अरब

भारत का बढ़ता रक्षा बजट

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत को 0.1184 के स्कोर के साथ चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिससे उसकी वैश्विक स्थिति और मजबूत हुई है।

सैन्य खर्च का प्रभाव: कौन आगे, कौन पीछे?

दुनिया के कुछ देश सैन्य शक्ति में अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं, जबकि कुछ अन्य अपनी पिछली स्थिति को सुधारने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। 2025 में वैश्विक रक्षा बजट में अभूतपूर्व वृद्धि के चलते विभिन्न देश अपनी सैन्य रणनीतियों को नए सिरे से तैयार कर रहे हैं। आर्थिक महाशक्तियां, उभरती हुई महाशक्तियां और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश अपने सैन्य खर्च को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था पुनः परिभाषित हो रही है।

अमेरिका: सैन्य बजट में सबसे आगे

वर्तमान समय में वैश्विक सैन्य शक्ति में अमेरिका सबसे आगे है। 2025 में भी अमेरिका अपने 895 अरब डॉलर के रक्षा बजट के साथ शीर्ष पर बना रहेगा। यह निवेश अमेरिका की वैश्विक सुरक्षा रणनीति, नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकी और सैन्य उपकरणों को उन्नत करने में किया जाएगा।

नए गठजोड़ और वैश्विक सुरक्षा रणनीति

बढ़ते सैन्य खर्च के साथ, विभिन्न देश अपने सुरक्षा सहयोगों को भी मजबूत कर रहे हैं। नाटो, क्वाड, ब्रिक्स और अन्य अंतर्राष्ट्रीय गठबंधनों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा है। भारत भी अपनी सुरक्षा रणनीति को मजबूत करते हुए रूस, अमेरिका, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है।

2025 का रक्षा बजट वैश्विक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। अमेरिका, चीन, रूस और भारत जैसे देशों की बढ़ती सैन्य तैयारियां न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकती हैं। जैसे-जैसे सैन्य खर्च बढ़ रहा है, वैसे-वैसे नए सुरक्षा खतरे और भू-राजनीतिक चुनौतियां भी उभर रही हैं। इस स्थिति में, आने वाले वर्षों में विश्व की रक्षा नीतियों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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